GST Invoice Management System: जीएसटी में लागू हुआ इनवायस मैनेजमेंट सिस्टम, टैक्स पेशेवरों ने इस पर की चर्चा
जीएसटी कांउसिल की अनुशंसा के बाद एक नंवबर से जीएसटी एक्ट में परिवर्तन किए गए हैं। इंदौर में इसको लेकर टैक्स पेशेवरों ने एकत्रित होकर चर्चा की। इसमें रिटर्न के साथ जीएसटी की नई धाराओं पर सभी के बीच बात हुई।
HIGHLIGHTS
- करदाताओं को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक धारा 73 के अंतर्गत निकाली गई।
- एक नई धारा 128-ए का समावेश करके इस पर ब्याज एवं पेनल्टी में छूट दी गई है।
- जीएसटी लागू होने के सात साल बाद अब इनवायस मैनेजमेंट सिस्टम को लाया गया।
इंदौर। जीएसटी काउंसिल की अनुशंसा पर जीएसटी एक्ट में कुछ परिवर्तन एक नवंबर से लागू हुए हैं। इन पर चर्चा के लिए शुक्रवार को टैक्स पेशेवर एकत्र हुए। टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन (टीपीए) ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था इनवायस मैनेजमेंट के साथ नई धाराओं के प्रभावों पर भी बात की।
टीपीए की परिचर्चा में बोलते हुए सीए उमेश गोयल ने कहा कि सरकार द्वारा करदाताओं को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक धारा 73 के अंतर्गत निकाली गई कर की मांग पर जीएसटी कानून में एक नई धारा 128-ए का समावेश करके इस पर ब्याज एवं पेनल्टी में छूट प्रदान की गई है। इसके लिए पोर्टल पर फार्म भरकर 31 मार्च 2025 तक टैक्स का भुगतान करना होगा।
अब बिल का मिलान करना होगा
पोर्टल पर लागू इनवायस मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी देते हुए सीए यश खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी लागू होने के सात साल बाद इनवायस मैनेजमेंट सिस्टम लाया गया है। अभी तक क्रेडिट की कुल राशि से मिलान किया जाता था लेकिन अब हर बिल का मिलान करना होगा। सीए कृष्ण गर्ग ने कहा कि किसी प्रकार की मांग के लिए कर की चोरी करने पर 74 एवं अन्य दशाओं में धारा 73 के तहत कार्यवाही की जाती थी।
समय सीमा भी अलग थी
इन दोनों धाराओं में कार्यवाही के लिए समय सीमा भी अलग थी। अब एक नवंबर से लागू नोटिफिकेशन के बाद अब दोनों ही दशाओं को मिलाकर एक नई धारा 74-ए लागू की गई है जिसके अनुसार संबंधित वर्ष की वार्षिक विवरणी फाइल करने की अंतिम तिथि से 42 माह के समय में ही नोटिस जारी किया जा सकेगा।
पालन नहीं करने पर लगेगी पेनल्टी
इसका असर कुछ यूं है कि धारा 73 के अंतर्गत समय सीमा 33 माह से बढ़कर 42 एवं धारा 74 के अंतर्गत 54 माह से घटकर 42 माह हो गई है। सीए सुनील पी. जैन ने कहा कि रिवर्स चार्ज के अंतर्गत सरकार द्वारा अब सेवाओं या माल की प्राप्ति के 30 दिन के अंदर सेल्फ इनवायस बनाना अनिवार्य कर दिया है। इसका पालन नहीं करने पर विभाग पेनल्टी लगा सकता है। परिचर्चा में सीए सुनील खंडेलवाल, गोविंद गोयल, एसएन गोयल, दीपक माहेश्वरी, पलकेश असावा उपस्थित थे।