उत्तराखंड में जंगल गई महिला को बाघ ने मार डाला

खून और टूटी चूड़ियों से शव का पता चला

अल्मोड़ा: उत्तराखंड में आदमखोर गुलदार-बाघ आतंक का सबब बने हुए हैं। ऐसा कोई दिन नहीं बीत रहा, जब पहाड़ के किसी हिस्से से वन्यजीवों के हमले की खबर न आती हो। ताजा मामला अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र का है। जहां जंगल में लकड़ी लेने गई एक महिला को बाघ ने मार डाला। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोग डरे हुए हैं। महिलाएं लकड़ी और घास लेने के लिए जंगल नहीं जा रहीं। बाघ के हमले में जान गंवाने वाली महिला गुड्डी देवी 59 साल थीं।

गुड्डी देवी का परिवार कूपी गांव में रहता है। बीते दिन गुड्डी देवी गांव की दो अन्य महिलाओं के साथ लकड़ी लेने के लिए जंगल गई थी। वापस आते वक्त दोनों महिलाएं गुड्डी देवी से थोड़ा आगे निकल गई। गुड्डी देवी उनके पीछे-पीछे चल रही थी। तभी घात लगाए बाघ ने गुड्डी देवी पर हमला कर दिया और उन्हें अपना निवाला बना लिया। हमला करने के बाद बाघ उसे करीब आधा किमी दूर तक घसीट ले गया। ग्रामीणों ने शाम को महिला की तलाश तेज की तो शाल के वन क्षेत्र में उसका क्षत विक्षत शव बरामद कर लिया गया।

गुड्डी देवी की साथी महिलाएं थोड़ा दूरी पर थीं, इसलिए उन्हें बाघ के हमले का पता नहीं चल पाया। जब काफी देर तक गुड्डी देवी घर नहीं पहुंची तो उसकी खोजबीन शुरू हुई। परिजन और ग्रामीण जंगल में पहुंचे तो वहां गुड्डी देवी की अधखाई लाश बरामद हुई। बाघ ने महिला की एक टांग पूरी तरह खा ली थी और महिला के शरीर के अन्य हिस्सों से भी मांस नोंचा हुआ था।बाघ जिस रास्ते से गुड्डी देवी को घसीट कर ले गया था, वहां जगह जगह खून बिखरा था। चूडिय़ां टूट कर गिरी थी। एक स्थान धोती भी पड़ी मिली।

इसी आधार पर ग्रामीण उस स्थल तक पहुंच सके, जहां पर बाघ ने उसे क्षतविक्षत हालत में छोड़ दिया था। घटना के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मचा है। गुड्डी देवी की 4 बेटियां और एक बेटा है। सभी शादी हो चुकी है। ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में बाघ पहले भी कई जानवरों को अपना निवाला बना चुका है, अब वो इंसानों को भी मारने लगा है। जिससे गांव में दहशत का माहौल है। उन्होंने वन विभाग के क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और बाघ को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की मांग की।

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