जानें- भारत में कैसे बन सकते हैं DGP, क्या जरूरी है UPSC क्लियर करना?

डायरेक्ट जनरल ऑफ पुलिस यानी DGP, जिसे हिंदी में पुलिस महानिदेशक कहते हैं।  ये किसी भी राज्य के पुलिस विभाग में सबसे बड़ा पद होता है।  जिनकी जिम्मेदारी किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में पुलिस बलों का नेतृत्व करना होता है। बता दें, DGP का पद भारतीय पुलिस विभाग में सर्वोच्च पदों में से एक है। अगर आप भी ये पद चाहते हैं तो आईए  विस्तार से जानते हैं DGP बनने के लिए क्या है पूरी प्रक्रिया।

भारत में DGP पद तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

DGP का पद एक पुलिस अधिकारी के लिए सर्वोच्च रैंक है, जो बहुत ही सम्मानजनक है। एक DGP (पुलिस महानिदेशक) राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस बल का नेतृत्व करता है। जिन्हें राज्य पुलिस प्रमुख के रूप में जाना जाता है। राज्य पुलिस स्टेशन में DGP का पद सर्वोच्च होता है। केवल एक IPS अधिकारी ही  प्रमोशन के माध्यम से DGP बन सकता है।  यानी अगर आप DGP बनना चाहते हैं तो पहले आपको एक IPS अधिकारी बनना होगा।

भारत में IPS कैसे बनें?

DGP बनने के लिए सबसे पहले उम्मीदवारों को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा को पास कर IPS बनना होगा।

यूपीएससी की परीक्षा में तीन चरण होते हैं. जिसे क्लियर करना होगा।

पहला चरण- प्रारंभिक परीक्षा

दूसरा चरण-  मुख्य परीक्षा

तीसरा चरण- इंटरव्यू

कितने प्रमोशन के बाद मिलेगा DGP का पद

IPS बनने के बाद  जूनियर स्केल पर डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (Dy.SP) के पद पर नियुक्ति होती है। यहां आपके काम को देखते हुए सीनियर स्केल पर असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) के पदों पर प्रमोशन दिया जाता है।

यहां जानें- IPS प्रमोशन लिस्ट

टाइम स्केल                                        रैंक
जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड-                  सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP)

सिलेक्शन ग्रेड-                                   सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP)

सुपर टाइम स्केल –                               डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DIGP)

सुपर टाइम स्केल –                                इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP)

सुपर-टाइम स्केल से ऊपर-                        एडिशनल डायरेक्ट जनरल ऑफ पुलिस (ADGP)

सुपर-टाइम स्केल से ऊपर-                          डायरेक्ट जनरल ऑफ पुलिस (DGP)

बता दें, भारत में, केवल राज्य और केंद्र सरकारों के पास ही पुलिस अधिकारियों की भर्ती करने की क्षमता है। भारत में, कोई भी निजी एजेंसियां ​​पुलिस अधिकारी के पद के लिए उम्मीदवारों की भर्ती नहीं कर सकती।

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