देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने पेपर लीक रोकने को बनाए ऑब्जर्वर, ऑटोमेशन की प्रक्रिया पर जोर
पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए नवनियुक्त कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई ने केंद्रों में अलग-अलग कॉलेजों को ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी सौंपने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही आटोमेशन प्रोजेक्ट को भी प्रमुखता से लागू करने की योजना तैयार की गई है।
HIGHLIGHTS
- संवेदनशील केंद्रों पर दो-दो ऑब्जर्वर्स नजर रखेंगे।
- ईमेल के जरिये पेपर भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
- बीसीए फर्स्ट ईयर में प्रयोगिक तौर पर की प्रक्रिया।
इंदौर। वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षा-रिजल्ट की व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने नया एक्शन प्लान बनाया है। पेपर लीक होने से रोकने के लिए अब प्रत्येक परीक्षा केंद्र के लिए ऑब्जर्वर बनाए जाएंगे। साथ ही संवेदनशील केंद्रों पर दो-दो ऑब्जर्वर नजर रखेंगे।
नवनियुक्त कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई ने सुझाव दिया है कि केंद्रों में अलग-अलग कॉलेजों को ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वहीं, आटोमेशन प्रोजेक्ट को भी प्रमुखता से लागू करने की योजना तैयार की गई है। केंद्रों पर ईमेल के माध्यम से पेपर भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
कुलगुरु ने बुलाई अधिकारियों की बैठक
कुलगुरु के मुताबिक, परीक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया है। मंगलवार को नवनियुक्त कुलगुरु डॉ. सिंघई ने परीक्षा-गोपनीय विभाग और मूल्यांकन केंद्र के अधिकारियों की बैठक बुलाई। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी, उपकुलसचिव प्रज्वल खरे, सहायक कुलसचिव विष्णु मिश्रा, मूल्यांकन केंद्र प्रभारी डा. राजेंद्र सिंह और आइटी प्रभारी आनंद मोरे शामिल हुए।
बैठक में परीक्षा नियंत्रक ने परीक्षा-गोपनीय कार्यों को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के दायरे में आने वाले 240 कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं, जिसमें स्नातक-स्नातकोत्तर की वार्षिक और सेमेस्टर की 500 से ज्यादा परीक्षाएं होती हैं।
परीक्षा संपन्न होने के बाद विद्यार्थियों की कॉपियां अग्रणी कॉलेज से मूल्यांकन केंद्र पहुंचती है। अधिकारियों ने परीक्षा के लिए पेपर पहुंचने की व्यवस्था के बारे में बताया, जिसमें केंद्रों पर तीन-तीन विषय के एक साथ पेपर भिजवाए जाते हैं।
ऑनलाइन कॉपियां भेजने का दिया सुझाव
बैठक में कुलगुरु ने परीक्षा-मूल्यांकन और रिजल्ट की प्रक्रिया को आटोमेशन प्रोजेक्ट पर करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पेपर आनलाइन भिजवाने के साथ ही कापियों को मूल्यांकन केंद्र में स्कैन किया जाए। इसके लिए आउटसोर्सिंग पर स्टाफ रखा जा सकता है।
कॉपियों को भी ऑनलाइन भेजें। इस पर अधिकारियों ने बीसीए फर्स्ट ईयर में बतौर प्रयोग यह प्रक्रिया करना बताया है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी ने कहा कि अब 15 दिनों के भीतर परीक्षा-मूल्यांकन और रिजल्ट को लेकर बैठक रखी जाएगी।
राइटर की मांग लेकर पहुंचे दृष्टिबाधित विद्यार्थी
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की छात्र सुनवाई में मंगलवार को बीए प्रथम वर्ष के कुछ दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने परीक्षा में राइटर दिए जाने की गुहार लगाई है। विद्यार्थियों ने पूरक परीक्षा के बारे में पूछा, तो अधिकारियों ने नवंबर में परीक्षा करवाने की बात कही।
विद्यार्थियों ने यह भी कहा कि उन्हें परीक्षा के लिए राइटर की जरूरत है। कई बार ऐनवक्त तक राइटर नहीं मिलता है। इस कारण पेपर देने से वंचित हो जाते हैं। विश्वविद्यालय ने राइटर जल्द दिए जाने की बात कही है। वहीं, अधिकारियों ने भी इन्हें 12वीं कक्षा के राइटर लाने को कहा है।
डिग्री और रिजल्ट की मांग लेकर आए विद्यार्थी
असिस्टेंट प्रोफसर की परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवार भी आए। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी, उपकुलसचिव प्रज्वल खरे और सहायक कुलसचिव डॉ. विष्णु मिश्रा से इंटरव्यू के लिए जल्द डिग्री उपलब्ध करवाने के लिए आवेदन दिया।
उनका कहना है कि आनलाइन आवेदन किए 15-20 दिन हो चुके हैं। मगर, डिग्री अब तक बनकर नहीं आई है। अधिकारियों ने चार-पांच दिन में डिग्री दिए जाने को लेकर आश्वासन दिया है।
वहीं, कुछ विद्यार्थी गोपनीय रिजल्ट की मांग लेकर पहुंचे। उनका कहना है कि स्नातकोत्तर में प्रवेश हो चुका है। मगर रिजल्ट रुका हुआ है। इस वजह से प्रवेश निरस्त होने की नौबत आ चुकी है।