महाराष्ट्र और कर्नाटक में बढ़ा तनाव, बेलगावी किले में तब्दील

कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच दावेदारी में फंसे बेलगावी में बोम्मई सरकार के आखिरी विधानसभा सत्र के आयोजन को लेकर विवाद छिड़ गया है। कर्नाटक विधानसभा का 10 दिनों का सेशन यहां चल रहा है, जबकि महाराष्ट्र में एक तबका इसका विरोध कर रहा है। कर्नाटक में पड़ने वाले बेलगावी जिले में मराठी भाषी लोगों की बड़ी संख्या है। इसी के चलते महाराष्ट्र की ओर से इस जिले पर दावा किया जाता रहा है और उसे राज्य में शामिल करने की मांग होती रही है। हाल ही में यह विवाद और तेज हो गया है। इस बीच कर्नाटक सरकार ने जब बेलगावी में विधानसभा सत्र आयोजित करने का फैसला लिया तो विवाद और बढ़ गया।

महाराष्ट्र के विपक्षी दल एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने बेलगावी से लगी महाराष्ट्र की सीमा पर घुसने का प्रयास किया। इस दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया। दोनें पार्टियों के नेता बेलगावी में घुसने की कोशिश कर रहे थे। कर्नाटक विधानसभा के 10 दिनों के सेशन का आज पहला दिन था। एनसीपी नेता हसन मुशरिफ और शिवसेना के कोल्हापुर के जिलाध्यक्ष विजय देवाने को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कर्नाटक में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में बोम्मई सरकार भी इस मुद्दे पर कदम पीछे हटाते नहीं दिखना चाहती।

क्यों भाजपा से कुछ कहते नहीं बन रहा और शिवसेना है उतावली

वहीं भाजपा की मुश्किल यह है कि एक तरफ वह कर्नाटक में सत्ता में है तो वहीं महाराष्ट्र में भी एकनाथ शिंदे सरकार में वह सहयोगी है। देवेंद्र फडणवीस इस सरकार में डिप्टी सीएम के तौर पर काम कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी के लिए यह दिक्कत है कि वह इस टकराव को बढ़ा नहीं सकती। इसके अलावा पीछे हटते दिखना भी उसके लिए मुश्किल भरा हो सकता है। मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति की ओर से बीते 5 दशकों से मांग उठाई जाती रही है कि बेलगावी को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाया जाए। इसी संगठन ने कर्नाटक विधानसभा के शीत सत्र के दौरान आंदोलन का फैसला लिया है। 

कांग्रेस बोली- केंद्र सरकार कर रही मुद्दे का इस्तेमाल

इस बीच महाराष्ट्र में इस मुद्दे पर विपक्षी दल सरकार को घेरने में जुटे हैं। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि यह केंद्र की देन है। पीएम नरेंद्र मोदी देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और होम मिनिस्टर अमित शाह की मीटिंग हो चुकी है तो फिर नेताओं को एंट्री क्यों नहीं दी जा रही। इससे पता चलता है कि इस पूरे मामले में केंद्र सरकार का रोल है। वहीं इस मुद्दे ने कर्नाटक में भी जोर पकड़ लिया है। कन्नाडिगा संगठन बेलगावी पर दावा ठोक रहे हैं। 

बेलगावी किले में तब्दील, भारी फोर्स जगह-जगह हुई तैनात

कर्नाटक में इस मुद्दे पर इतना तनाव है कि बेलगावी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। 4000 पुलिस कर्मियों के अलावा 6 एसपी, 11 एएसपी, 43 डिप्टी एसपी और 95 इंस्पेक्टरों को बेलगावी में तैनात किया गया है। इसके अलावा 241 पुलिस सब-इंस्पेक्टर भी ड्यूटी पर लगाए गए हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ सप्ताह में महाराष्ट्र के नंबर प्लेट वाले ट्रकों और बसों पर कर्नाटक में हमला हुआ है। 

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