आप मात्र 45 रुपये में भी सोने में निवेश कर सकते हैं। जानिए कैसे…

भारत में शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा रही है। ज्यादातर भारतीय धनतेरस-दिवाली के मौके पर सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। ऐसे में अगर आप आज धनतेरस के दिन सोना यानी गोल्ड में निवेश (Gold investment) करने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए यह खबर काम की हो सकती है। सोने के खरीदारों के पास कई प्रकार के सोने के प्रोडक्ट खरीदकर इसमें निवेश करने के मौके होते हैं। इनमें एक शानदार विकल्प गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का है।

गोल्ड ईटीएफ में निवेश 
गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं जो फिज़िकल मेटल में निवेश करने जितना ही अच्छा है, लेकिन इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स जैसा रखा जाता है, जो एक डीमैट खाते में संग्रहीत होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की प्रत्येक यूनिट बहुत उच्च शुद्धता (high purity) के फिज़िकल गोल्ड जैसी होती है। हर दूसरे ईटीएफ की तरह, गोल्ड ईटीएफ भी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है। इसलिए, कोई भी व्यक्ति किसी भी समय गोल्ड ईटीएफ को आसानी से खरीद और बेच सकता है। इसलिए, यदि आप निवेश के दृष्टिकोण से सोना खरीदना चाह रहे हैं, तो गोल्ड ईटीएफ एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। पोर्टफोलियो आवंटन के नजरिए से भी, गोल्ड ईटीएफ बेहतर स्थिति में हैं।

गोल्ड ईटीएफ की खूबियां- 
1. निवेशक गोल्ड ईटीएफ में कम से कम 45 रुपये में निवेश शुरू कर सकते हैं, जो कि (20 अक्टूबर, 2022 तक) आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ की 1 यूनिट की कीमत है। इसलिए, एक निवेशक को सोने में निवेश करने के लिए बड़ी रकम जमा करने के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है, जो अक्सर फिज़िकल सोना खरीदने के मामले में होता है।
2. अफोर्डेबिलिटी: फिज़िकल सोने की खरीद, स्टोरेज और बीमा की तुलना में निवेश की लागत अपेक्षाकृत कम है।
3. विश्वसनीयता: गोल्ड ईटीएफ का लक्ष्य 99.5% शुद्धता या इससे अधिक शुद्धता वाला सोना खरीदना है।
4. कम खर्च: फिज़िकल सोने के निवेश की तुलना में, ईटीएफ गोल्ड से जुड़े खर्च काफी कम हैं क्योंकि इसमें कोई मेकिंग चार्ज नहीं जुड़ा है। उदाहरण के लिए: आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ का एक्सपेन्स रेशीयो 0.5% है जो गोल्ड ईटीएफ में सबसे सस्ता है।
5. लिक्विडिटी: गोल्ड ईटीएफ को किसी भी समय एक्सचेंज पर रीयल टाइम एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) पर ट्रेडिंग आवर्स के दौरान किसी की आवश्यकता के अनुसार 1 यूनिट से बेचा (liquidated) जा सकता है। नतीजतन, यह आभूषणों, सिक्कों या बारों को बेचने की तुलना में अधिक आसान है।
6. कोलेटरल: ईटीएफ लोन के लिए कोलेटरल के रूप में स्वीकार किए जाते हैं।
7. टैक्स बचाने वाला : गोल्ड ईटीएफ को यदि 3 साल से अधिक समय तक रखा जाता है तो इससे अर्जित आय को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के रूप में माना जाता है। यह सोना रखने के लिए एक टैक्स बचाने का कुशल तरीका है।

SIP के जरिए भी निवेश
गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय, एक निवेशक के पास सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश करने या एकमुश्त निवेश का विकल्प चुनने का विकल्प होता है। इसलिए इसे खरीदने वाले को इसकी शुद्धता, रखने (storage) की परेशानी आदि के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसलिए, इस त्योहारों के मौसम में, गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का विकल्प चुनकर अपने निवेश पोर्टफोलियो में चमक बढ़ाने का काम करें।

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