कम हो सकते हैं सड़क हादसों में मौत ?WHO ने जारी किए दिशा-निर्देश
WHO : के अनुसार सड़क हादसों में पांच साल के बच्चों से लेकर 29 साल के युवा तक मारे जाते हैं WHO के मुताबिक सभी सड़क हादसों में से करीब तीस फीसद मौतें दो पहिया और तिपहिया वाहनों में सवार लोगों की होती हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर चिंता जताते हुए सड़क सुरक्षा नियमों को लेकर वैश्विक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सुरक्षित हेलमेट के अनिवार्य प्रयोग के साथ ही उनकी जान बचाई जा सकती है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार पूरी दुनिया में हर साल सड़क हादसों में 13 लाख लोग मारे जाते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सभी सड़क हादसों में से करीब तीस फीसद मौतें दो पहिया और तिपहिया वाहनों में सवार लोगों की होती हैं।वहां सड़क हादसों में 64 फीसद लोग मारे जाते हैं और करीब 74 फीसद लोगों को ब्रेन इंजरी होती है।इसी तरह साइकिल, मोटर साइकिल, स्कूटर और ई-बाइक चलाने वालों की मौत अक्सर तेज चलने और जीवनरक्षक हेलमेट नहीं पहनने के कारण हो जाती है।वर्ष 2013 से 2016 के बीच मरनेवाले पैदल यात्रियों की मौत लगभग दोगुनी हो गई थी। आइआइटी दिल्ली की प्रोफेसर गीतम तिवारी ने बताया कि भारत में सड़क हादसों में मरने वाले पद यात्रियों की संख्या करीब तीस फीसद तक है। सड़कों का माहौल सुधारने, संबंधित कानूनों में सुधार करने समेत सड़क पर चलने वालों को शिक्षित करने की जरूरत है।