सामान्य सर्दी का रूप ले रहा कोरोना वायरस
नई दिल्ली. टीकाकरण पर भारत के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉक्टर एनके अरोड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा कि कोरोना सामान्य इन्फ्लूएंजा का रूप ले रहा है। उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब पिछले 28 दिनों में कोविड -19 से देशभर में 1,276 लोगों की मृत्यु हुई है। अरोड़ा के अनुसार, भारत एक ऐसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है, जहां लोग अपनी सामान्य दिनचर्या जारी रख सकते हैं। अस्पताल में कोविड संक्रमित 75 फीसदी से अधिक लोग ऐसे हैं जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं ली है। उन्होंने कहा कि जेनोवा फार्मा की एमआरएनए वैक्सीन और भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन भी जल्द ही आएगी। उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश-
कोविड के मामले लगातार ऊपर और नीचे जा रहे हैं। यह क्यों हो रहा है?
मार्च के आसपास, एक दिन में करीब 1,000 कोरोना के नए मामले मिल रहे थे, जून और जुलाई में यह बढ़कर 15 हजार से 20 हजार हो गया। फिर पिछले तीन सप्ताह से मामलों में कमी आने लगी है। इसलिए, यह कहना संभव नहीं है कि मामले ऊपर-नीचे क्यों हो रहे हैं? लेकिन कुछ वैज्ञानिक कारण हैं, जिससे केस बढ़ते-घटते हैं। पहला, बहुत से लोग यात्रा करते हैं तो संक्रमण तेजी से फैलता है, या जब कोई धार्मिक सामाजिक समारोह या कोई बड़ी राजनीतिक सभा होती है।
दूसरा, ओमिक्रोन के कई सब-लाइनेज (उपवंश) सामने आ रहे हैं। तीसरा कारण यह है कि पिछले 8 महीनों में, जांच दर में भारी गिरावट आई है। हम नवंबर और दिसंबर में हर दिन 15 से 20 लाख लोगों की जांच कर रहे थे। अब यह घटकर दो से चार लाख प्रतिदिन हो गया है। हम कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग नहीं कर रहे हैं क्योंकि कोविड अब बहुत हल्का है। यह सामान्य सर्दी की तरह है, कुछ दिनों के लिए बुखार और गले के कुछ लक्षण हो सकते हैं, शरीर में दर्द होता है लेकिन वह 3 से 5 दिनों में कम हो जाता है। बहुत से लोग अपना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं।
तो क्या कोविड पहले जैसा नहीं रहेगा?
सौभाग्य से, वर्तमान कोरोना वैरिएंट या ओमिक्रोन कम गंभीर रह रहा है। केवल उन्हीं व्यक्तियों में यह गंभीर हो रहा है जिन्हें पहले से ही कई तरह की बीमारियां हैं जैसे हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, कैंसर, फेफड़े की बीमारी आदि। इसलिए, उन्हें उनकी मूल बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और पता चलता है कोविड भी हो गया। मुख्य रूप से, कोरोना से गंभीर बीमारी नहीं हो रही है। लेकिन जिन्हें पहले से बीमारियां हैं वे बहुत सीरियस हो सकते हैं और इसलिए उदासीन नहीं रहना चाहिए। कोविड हमारे आसपास है और हमें सावधान रहना होगा। भारत में कई नए कोविड टीकों पर काम हो रहा है।