दीपेंद्र के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार, साढ़े सात घंटे रहा था बोरवेल में के अंदर
छतरपुर, छतरपुर में बोरवेल में गिरे दीपेंद्र के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा था। दीपेंद्र साढ़े सात घंटे बोरवेल में 40 फीट की गहराई में रहा था। उसका इलाज छतरपुर के जिला अस्पताल में चल रहा है। उसके पास उसकी मां सहित स्वजन भी हैं। साथ ही प्रशासनिक अफसर भी उसके उपचार के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। छतरपुर में खेलते-खेलते बाेरवेल में गिरे दीपेंद्र यादव काे आखिर 7.30 घंटे की मशक्कत के बाद प्रशासन ने सकुशल बाहर निकालने में सफलता हासिल की थी । दीपेंद्र से सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बातचीत कर उसके स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ली है। सीएम ने मासूम दीपेंद्र से जब पूछा कि कैसे हाे ताे बाेला कि मामा मैं बाहर निकल आया। इस पर सीएम ने कहा कि चिंता मत कराे बेटा कुछ दिन इलाज चलेगा फिर तुम बिल्कुल ठीक हाे जाओगे। आइए जानें 7.30 घंटे की दीपेंद्र के संघर्ष की दास्तां।
जानें कब क्या हुआः
-2.30 बजे दाेपहर में दीपेंद्र अपने पिता अखिलेश यादव, ताऊ और दादा के साथ खेत पर आया था और खेल रहा था।
– 2:40 बजे दोपहर में खेत में खनन कराए गए बोरवैल में मासूम दीपेंद्र खेलते में जा गिरा।
– 2:50 बजे दोपहर में पिता, दादा और ताऊ ने बोरवैल से दीपेंद्र के रोने की आवाज सुनी।
– 2:58 बजे दोपहर में पिता ने आसपास के गांव के लोगों के माध्यम से पुलिस को सूचना दी।
– 3:15 बजे दोपहर में प्रशासन, पुलिस के अधिकारी नगर पालिका से जेसीबी लेकर बोरवैल तक पहुंचे और रेसक्यू आपरेशन शुरू किया।
– 3:20 बजे दोपहर में नगर पालिका की ओर से दो और जेसीबी भिजवाकर बोरवेल के पास गड्ढा खोदना शुरू हुआ। रेसक्यू टीम की याेजना यहां पर गड्ढा खाेदकर सुरंग बनाकर दीपेंद्र काे बाहर निकालने की थी।
– 6:00 बजे शाम को लगातार तीन जेसीबी से बोरवैल से 5 फीट दूर 18 फीट गड्ढा खोद दिया गया।
– 6:10 बजे शाम को प्रशासन, पुलिस की टीम के साथ नौगांव से पहुंची, इसके बाद आर्मी यूनिट ने मोर्चा संभाल लिया।
– 8:00 बजे रात तक एनडीआरएफ, एसडीइआरएफ ने बोरवेल के पास 28 फीट गहरा गड्ढा खुदवाया।
– 10-01 बजे रात में 30 फीट गहरे गड्ढे से सुरंग बनाकर बोरवेल में फंसे दीपेंद्र को सकुशल निकाला गया।