मनरेगा में खर्च के मामले में झारखंड की हालत बेहद खराब…

Jharkhand's condition is very bad in terms of expenditure in MNREGA.

Jharkhand’ दुमका : झारखंड में मनरेगी की स्थिति सबसे खराब है. चालू वित्तीय वर्ष में खर्च के मामले में भी संबंधित महकमा सुस्त रहा है. राज्य की 4391 में से 1517 पंचायत में मनरेगा का खर्च शून्य है. इस मामले में चतरा, पाकुड़ व खूंटी जिले की स्थिति बेहतर है. चतरा में महज पांच, पाकुड़ की छह तथा खूंटी की सात पंचायत में ही राशि खर्च नहीं हुई है. तो वहीं सबसे बुरी स्थिति धनबाद, गिरिडीह व हजारीबाग की है. धनबाद की 178 पंचायत, गिरिडीह 157, हजारीबाग की 133 व दुमका की 117 पंचायत में पैसे खर्च नहीं हुए है.

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टी की सात पंचायत में ही राशि खर्च नहीं हुई है. पूरे संताल परगना में पाकुड़ जिले को छोड़ दें, तो हर जिले की स्थिति खराब रही है. उसमें दुमका की तो सबसे खराब. संताल परगना प्रमंडल के छह जिले में 1013 पंचायत है. इसमें से 36 प्रतिशत से अधिक यानी 369 पंचायतों में मनरेगा से फुटी-कौड़ी राशि खर्च नहीं हो सकी है.

पंचायत चुनाव के दौरान लगी आचार संहिता लगे रहने की वजह से मुखिया की बजाय प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के स्तर से भुगतान होना था. इस दौरान भुगतान करने में कई प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी बचते रहे और भुगतान को लेकर कभी कदम आगे नहीं बढ़ाया. ऐसे में मनरेगा की योजनाओं में भुगतान की स्थिति खराब रही. मनरेगा में खर्च के मामले में दुमका जिला राज्यभर में 19 वें पायदान पर है.

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