तैनाती: भारत के ये दो नए कमांडर-इन-चीफ चीन को सिखाएंगे सबक, उत्तरी व पूर्वी कमानों की मिली अहम जिम्मेदारी

भले ही देश में अभी नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ(CDS) की नियुक्ति न हो पाई हो, लेकिन भारतीय सेना की दो अहम उत्तरी व पूर्वी सैन्य कमान को दो नए मुखिया जरूर मिल गए हैं। चीन के साथ चल रहे गतिरोध में यह दो सैन्य कमान भारतीय सेना के लिए सक्रिय रूप से महत्वपूर्ण है, इसलिए सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का जिम्मा दिया गया है। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने पूर्वी कमान की जिम्मेदारी संभाल ली है। अब इन दो अनुभवी सैन्य अधिकारियों पर चीन के साथ पिछले 21 महीनों से चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने की जिम्मेदारी होगी।

उपेंद्र द्विवेदी ने लेफ्टिनेंट जनरल वाइके जोशी की जगह ली, जो सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। वहीं आरपी कलिता ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे का स्थान लिया। मनोज पांडे को भारतीय सेना में उप प्रमुख के रूप में तैनाती दी गई है। 1984 से सेवाएं दे रहे हैं दोनों अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 1984 में जम्मू और कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे। वह सैनिक स्कूल रीवा व राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भी रहे हैं। वहीं आरपी कलिता को भी 1984 में 9कुमाऊं में कमीशन किया गया था।

दोनों अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती रणनीतिक व सैन्य रूप से महत्वपूर्ण दोनों सैन्य कमानों के मुखियाओं के सिर पर अहम जिम्मेदारी होगी। दरअसल, उपेंद्र द्विवेदी ने ऐसे समय पर उत्तरी कमान का चार्ज लिया है, जब चीन के साथ भारत की 14वें दौर की वार्ता भी विफल रही। ऐसे में वार्ता को सफल बनाना द्विवेदी की अहम जिम्मेदारी होगी। वहीं आरपी कलिता ने भी ऐसे समय पर पदभार संभाला है जब चीनी सेना ने अरुणाचलय प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। वहीं दोनों देश सीमा विवाद सुलझाने के लिए कमांडर स्तर की 15वें दौरे की वार्ता जल्द से जल्द करने के लिए सहमत हो गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button