कार्य के बीच आंखों को हर 20 मिनट में आराम देना जरूरी, तेज रोशनी से भी पड़ता है प्रभाव

आज भागदौड़ भरे जीवन में हम आंखों का ख्याल रखना भूल जाते हैं, ऐसे में जल्दी चश्मा लगने या फिर इनके कमजोर होने की ज्यादा संभावना रहती है। आंखों को लेकर लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। विभिन्न केमिकल से बनी प्रोडक्ट का प्रयोग करती है, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

HighLights

  1. मधुमेह के साथ ही बीपी व आर्थोराइटिस मरीजों के लिए भी इस तरह की जांच आवश्यक मानी जाती है।
  2. आंख के रोग दो तरह के होते हैं, एक लगातार रोशनी में रहने व दूसरा पास की चीज को देखते रहना।

Eyes Effect : हम नित जीवन में कार्य तो खूब करते रहते हैं लेकिन आंखों को आराम नहीं देते, अत: कार्य के बीच आंखों को हर 20 मिनट में कुछ पल का आराम देना जरूरी है। इससे काफी लाभ मिलेगा और वे स्वस्थ्य रहेगी।

नेत्र रोग विशेषज्ञ बोले-आंख के रोग दो तरह के होते हैं, इनसे बचें

हेलो डाक्टर कार्यक्रम में नेत्र रोग विशेषज्ञ डा अविजित विश्नोई ने पाठकों को परामर्श देते हुए कहा- आंख के रोग दो तरह के होते हैं, एक लगातार रोशनी में रहने व दूसरा पास की चीज को देखते रहना।

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सूरज को रोज सुबह उठकर देखने की धारणा गलत है

सूरज को रोज सुबह उठकर देखने की धारणा गलत है, इससे आंखों को नुकसान होता है। इसलिए ऐसा कोई कार्य न करें जिससे आंखों में जोर पड़ता हो, तेज रोशनी से भी आंखों पर प्रभाव पड़ता है।

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मधुमेह रोगी के लिए नियमित जांच आवश्यक …

  • मधुमेह, बीपी व आर्थोराइटिस में आंखों की बीमारी कामन है। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए जैसे साल में एक बार नियमित रूप से आंखों की जांच कराना आवश्यक होता है, इसमें रेटिना की जांच जरूरी होती है।
  • मधुमेह के रोगियों को छह-छह माह के अंतराल से खासकर आंखों के परदे की जांच कराते रहना चाहिए। मधुमेह के साथ ही साथ बीपी व आर्थोराइटिस मरीजों के लिए भी इस तरह की जांच आवश्यक मानी जाती है।
  • मोतियाबिंद को लेकर प्रत्येक व्यक्ति को इस बात की जानकारी होना चाहिए कि यह जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, उसके साथ ही अनेक तरह की समस्या आती रहती है। लेकिन इसे लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए।
  • मोतियाबिंद उम्र के बढ़ने के साथ आने वाली समस्या हो सकती है। साथ ही एक आंख से धुंधला दिखना मतलब चश्में को लेकर है जांच करने से यह पता चल जाता है कि नंबर कहीं बढ़ तो नहीं रहा।
  • दवा मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकने भ्रामक दावों से बचना चाहिए और उचित होगा की डाक्टर की सलाह से ही कोई ड्राप लें और ठीक होने पर बंद कर दें, अन्यथा इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है।

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आंखों के आंसू महत्वपूर्ण

आंखों में आंसू काफी महत्वपूर्ण होते हैं, आंसू आंखों में नमी बनाए रखते हैं। इनका सूखना या कम होने के अनेक कारण रहते है। बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या हो सकती है। लेकिन चिंता किसी भी चीज का समाधान नहीं।

कलरफुल कांटेक्ट लेंस की मांग बढ़ी

अब प्रत्येक उम्र के लोग कांटेक्ट लेंस भी लगा सकते हैं, ये कलरफुल भी आ गए है। इन्हें लगना व निकाला बहुत आसान होता है डाक्टर इसे लगाने के बाद एक छोटी सी ट्रेनिंग देकर इसके बारे में बताते है। ताकि लोग इसका सही तरीके से उपयोग कर सकें।

आंखों की बीमारियों का निदान नियमित जांच, विजन टेस्ट और रेटिना स्कैन से संभव है …

सवाल: मेरे पिता जी की उम्र 75 वर्ष है। उनको मोतियाबिंद की समस्या है। मोतियाबिंद की सर्जरी कब कराना चाहिए। – अविनाश मिश्रा, डिंडौरी

जवाब: यदि मोतियाबिंद की वजह से देखने में समस्या हो रही है तो सर्जरी कभी भी करा सकते हैं।

सवाल: ब्राइट चीजों को देखने के बाद चारों ओर ब्राइट दिखने लगता है। क्या ये कोई बीमारी है। – राहुल अग्रवाल, जबलपुर

जवाब: ये कोई बीमारी नहीं है ये कुदरती फिनोमिना है। चिंता करने की जरूरत नहीं है जब भी हम किसी प्रकाश वाली चीजों को देखते हैं तो चारों उसी की तरह दिखने लगता है। वैसे प्रकाश की ओर ज्यादा समय तक नहीं देखना चाहिए।

सवाल: मेरी उम्र 45 वर्ष है। मैं ब्यूटी पार्लर में काम करती हूं। मेरी आंख बार-बार लाल हो जाती है। मुझे क्या करना चाहिए। – किरण नेमा, दमोह

जवाब: आंख लाल होने के साथ यदि रोशनी भी जा रही है तो एक बार डाक्टर से जांच करा लें। क्योंकि दिनभर आप विभिन्न केमिकल से बनी प्रोडक्ट का प्रयोग करती है, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सवाल: कभी-कभार एक आंख से पानी आता है। इसके लिए क्या करना चाहिए। – कंधीलाल, मंडला

जवाब: कई बार कुदरती आंसू बनते हैं और बंद हो जाते है। इसके अलावा कई बार रुखेपन के कारण या आंख की थैली चोक होने के कारण होती है। इसके लिए आप डाक्टर को दिखाएं यदि थैली चोक हुई होगी तो सर्जरी करनी पड़ेगी।

सवाल: दाहिनी आंख से आंसू आते है। कई महीनों से से एंटिबायोटिक का प्रयोग कर रहा हूं। क्या कंरू। – गोविंद अग्रवाल, नरसिंहपुर

जवाब: आंसू आने का कारण रुखापन या एलर्जी हो सकती है। कभी भी लंबे समय तक एंटीबायोटिक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। एक बार आप डाक्टर से जांच करा लें।

सवाल: आंखों की बीमारियों से निदान कैसे किया जा सकता है। – उमेश यादव, रीवा

जवाब : आंखों की बीमारियों का निदान आंखों की नियमित जांच, विजन टेस्ट, रेटिना स्कैन और अन्य परीक्षणों के माध्यम से किया जा सकता है।

सवाल: आंखों की बीमारियों को कैसे रोका जा सकता है। – दिनेश पाठक, डिंडौरी

जवाब: आंखों की बीमारियों को रोकने के लिए नियमित जांच, स्वस्थ आहार, धूम्रपान से बचना और आराम देना जरूरी है।

सवाल: आंखों की बीमारियों में जोखिम कारक तत्व कौन से होते है। – रमेश चौरसिया, कटनी

जवाब: आंखों की बीमारियों के जोखिम कारक उम्र, आनुवंशिकी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और धूम्रपान शामिल है।

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