2025 Prayagraj Mahakumbh: अखाड़ा परिषद ने पास किया शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदलने का प्रस्ताव, उज्जैन से उठी थी आवाज
प्रयागराज स्थित श्री निरंजनी अखाड़ा के आश्रम में शनिवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता महंत रविंद्र पुरी ने की। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाम बदले जाने की घोषणा कर सकते हैं।
HighLights
- सबसे पहले एमपी में नईदुनिया ने उठाया था मुद्दा
- उज्जैन में शाही सवारी को राजसी सवारी कहा था
- इसी पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लगाई थी मुहर
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के दूसरे दिन शनिवार को अहम प्रस्ताव पास किए गए। श्रीमहंत रविंद्र पुरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया।
जूना अखाड़ा के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि शाही स्नान उर्दू और पेशवाई फारसी शब्द है। इसे बदलकर दोनों परंपराओं का हिंदी अथवा संस्कृत में नाम रखा जाना चाहिए। माना जा रहा है कि आज ही प्रयागराज आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाही स्नान को राजसी स्नान और पेशवाई को छावनी प्रवेश कहने की घोषणा कर सकते हैं।
बैठक की बड़ी बातें, गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग
- बैठक में गौरक्षा पर भी चर्चा हुई। गाय के संरक्षण और संवर्धन का प्रस्ताव पास करते हुए उसे राष्ट्र माता घोषित करने की मांग की गई।
- लव जिहाद और मतांतरण के लगातार सामने आते मामलों पर भी चिंता व्यक्त की गई और इन्हें रोकने का उपायों पर प्रस्ताव पास किया गया।
- प्राचीन मंदिरों को नष्ट होने से बचाने का प्रस्ताव लाया गया। इन सभी मामलों में केंद्र तथा राज्य सरकार से प्रयास करने की अपील की गई।
- महाकुंभ क्षेत्र में मांस मदिरा की दुकानों को प्रतिबंधित किए जाने का प्रस्ताव भी आया। मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग उठी।
आगे क्या होगा
अखाड़ा परिषद के सूत्र कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ इस मांग को मानते हुए यह घोषणा कर सकते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज महाकुंभ में शाही और पेशवाई जैसे शब्दों को हटाकर राजसी और छावनी प्रवेश जैसे शब्दों का उपयोग करेगी। शासन के दस्तावेजों में भी इन शब्दों को बदलने की घोषणा की जा सकती है।\