लगातार बाहर का खाना खाने से बढ़ रहे पाइल्स के मरीज, आयुर्वेद में बताया गया है इलाज
एम्स भोपाल में आयुष विभाग के सीएमओ डॉ. दानिश जावेद के अनुसार, पाइल्स के साथ ही फिस्टूला और फिशर के मरीज बढ़ रहे हैं। यह तीनों मलद्वार के पास होने वाली बीमारियां हैं और इनका सीधा संबंध खानपान से है।
HighLights
- मलद्वार के पास होने वाली बीमारियों में एक है पाइल्स
- आयुर्वेद में पेट को ही बीमारी की जड़ बताया गया है
- बेहतर पाचन क्रिया के लिए जठरागिनी सुधारी जाती है
भोपाल। इन दिनों लोगों का खानपान खराब हो रहा है। लोग बाहर की चीजों का सेवन ज्यादा कर रहे हैं, जिसमें मिर्च-मसाले की मात्रा ज्यादा होती है। इससे लोगों को शुरुआती दिनों में पाचन क्रिया खराब होने लगती हैं। उन्हें कब्ज, बदहजमी आदि की समस्या होती है।
एम्स भोपाल में आयुष विभाग के सीएमओ डॉ. दानिश जावेद के अनुसार, लगातार बाहर का सेवन करने से लोगों को पाइल्स, फिस्टूला और फिशर की समस्या हो रही है। यह तीनों ही बीमारियां मलद्वार के पास होने वाली बीमारियां हैं। एम्स भोपाल में इसके मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। इसके लिए लोगों को उचित खान-पान की सलाह दी जाती है।
मसालेदार खाना खाने से बचें
- बदलते मौसम में बाहर का मसालेदार भोजन से पेट जल्दी खराब हो जाता है।
- ऐसा भोजन करने से उल्टी, दस्त, सिर दर्द, पेट संबंधी समस्या हो सकती है।
- गर्मी में खाने-पीने का ख्याल नहीं रखने पर टाइफाइड की आशंका रहती है।
- ऐसे में मसालेदार भोजन से बचें। बाजार के खाने में मसाले अधिक होते हैं।
- आयुर्वेद में पेट को बीमारी की जड़ कहा गया है और उपचार बताया गया है।
- लोगों को पेट की अग्नि के लिए उपचार किया जाता है। जठरागिनी सुधारी है।