Soybean Rate In MP: सोयाबीन के भाव को लेकर सोशल मीडिया पर हो रहे पोस्ट वायरल, किसानों की भाव बढ़ाने की मांग
नई फसल आने से पहले ही सोयाबीन की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। इसके भाव गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे चले गए हैं। पिछले साल की तुलना में सोयाबीन के भाव 15 फीसदी तक कम हैं। जानकारों के मुताबिक सोयाबीन के भाव आगे और गिर सकते हैं।
HIGHLIGHTS
- सोयाबीन के भाव को लेकर सोशल मीडिया पर हो रहे पोस्ट वायरल
- किसानों ने भाव बढ़ाने की मांग की है जिस पर चर्चा हो रही है
- सोयाबीन की फसलें अब पक कर आने की तैयारी में हैं
रामनगर। पिछले कई वर्षों से गलत नीतियों के कारण सोयाबीन उत्पादक किसानों को काफी निराश होना पड़ रहा है। आलम यह है कि 10 वर्षों पहले सोयाबीन जिस भाव से बिक रहा था। ऐसे पोस्ट वायरल हो रहे हैं। पोस्ट में उससे भी कम रेट में अब सोयाबीन के भाव को लेकर लोगों द्वारा अपने विचार व्यक्त किए जा रहे हैं।
भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री जितेंद्र पाटीदार ने बताया कि मंडियों में सोयाबीन समर्थन मूल्य से भी नीचे बिक रहा है। सोयाबीन का सीजन डेढ़ माह बाद शुरू होने वाला है। इसके पहले सोयाबीन के भाव को लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त होने लगा है।
फसल का वाजिब दाम नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश है
पेटलावद क्षेत्र के किसानों की मुख्य सोयाबीन है। खरीफ सीजन में यहां सबसे अधिक सोयाबीन की खेती होती है। इसीलिए इसे पीला सोने के नाम से जाना जाता है। खरीफ सीजन में किसानों के द्वारा काफी मात्रा में सोयाबीन की मुख्य फसल बोई जाती है।
परंतु किसानों को उनकी फसल के वाजिब दाम नहीं मिल रहे हैं। अब देखना है कि सरकार किसानों की मांगों को कितना गंभीरता से लेती है। भाव बढ़ाने को लेकर कई मैसेज किसानों द्वारा मांग की जा रही है। सोयाबीन के भाव बढ़ाए जाएं।