Guest Teachers Protest: भोपाल में अतिथि शिक्षकों का हल्लाबोल, सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका
भोपाल के आंबेडकर पार्क में एकत्र हुए और पात्रता परीक्षा के जरिए नियमितीकरण, नए सिरे से अनुबंध के आधार पर नियुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। यहां से अतिथि शिक्षक मुख्यमंत्री आवास तक तिरंगा यात्रा निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने आंबेडकर पार्क के आसपास बैरिकेडिंग कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
HIGHLIGHTS
- पिछले साल अतिथि शिक्षक पंचायत की घोषणाओं को पूरा करने की मांग।
- अतिथि शिक्षकों की मांग है कि अनुभ्व के आधार नीति तय कर करें नियुक्त।
भोपाल। अपने भविष्य को लेकर आशंकित अतिथि शिक्षकों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है। प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक मंगलवार को राजधानी भोपाल के आंबेडकर पार्क में एकत्र हुए और पात्रता परीक्षा के जरिए नियमितीकरण, नए सिरे से अनुबंध के आधार पर नियुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
यहां से प्रदर्शनकारी आंबेडकर पार्क से तिरंगा यात्रा निकालते हुए सीएम हाउस पहुंचकर घेराव करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झड़प भी हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठियों से उन्हें पीछे धकेला। इससे कुछ प्रदर्शनकारी अतिथि शिक्षक गिरकर घायल हो गए।
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रांताध्यक्ष सुनील सिंह परिहार का कहना है बीते साल 02 सितंबर को आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों के हित में कई घोषणाएं की थीं, जो अब तक पूरी नहीं हुईं। इससे प्रदेशभर के हजारों अतिथि शिक्षक नाराज और अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं। हमारी सरकार से मांग है कि अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षको को 12 माह का सेवाकाल एवं पद स्थायित्व कर भविष्य सुरक्षित करें।
ये हैं मांगें
- गुरुजियों की भांति अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर भविष्य सुरक्षित करें।
- अतिथि शिक्षक भर्ती मे वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करें।
- अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षको को 12 माह का सेवाकाल एवं पद स्थायित्व कर भविष्य सुरक्षित किया जाए।
तात्कालिक मांगें
- अतिथि शिक्षक स्कोरकार्ड में प्रत्येक सत्र अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों (SSS -1, SSS-2, SSS 3) मे एकसमान अंक दर्ज किए जाएं।
- 30% से कम परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इन्हें एक और अवसर दिया जाना चाहिए।