Shri Krishna Updesh: श्रीकृष्ण के सिद्धांत जीवन को देते हैं नई राह, गीता का ज्ञान आज बना मैनेजमेंट फंडा
भगवान विष्णु ने द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण के रूप में आठवें अवतार भाद्रपद की अष्टमी तिथि को लिया था। उन्होंने हजारों साल पहले अर्जुन को जो गीता का ज्ञान दिया था वह आज भी प्रासांगिक है। उनकी शिक्षाएं आज भी मार्गदर्शन करती है। इस मौके पर जानते हैं इंदौर के बुद्धिजीवियों के विचार कि उन्होंने नंदलाल के जीवन से क्या सीखा।
HighLights
- श्रीकृष्ण के सिद्धांतों को अपनाकर बन सकते हैं सफल प्रबंधक और नैतिक नेतृत्वकर्ता।
- उनकी दी गई शिक्षाएं व्यक्तिगत जीवन के साथ व्यावसायिक जीवन में भी हैं मार्गदर्शक।
- मैनेजमेंट सिद्धांत समझने के लिए उनके समय में अपनाई रणनीतियों का अध्ययन करें।
श्रीकृष्ण का जन्म बेशक द्वापर में हुआ था। मगर, उनके आदर्श, गुण और कलाएं आज भी अस्तित्व बनाए हुए हैं। कुरुक्षेत्र में दिया गया गीता का ज्ञान आज मैनेजमेंट का फंडा बन चुका है, तो बांसुरी वादन के गुण को अपनाकर कई कलाकारों ने पहचान बनाई है।
श्रीकृष्ण के सिद्धांत, गुण, नीति आज भी समसामयिक हैं। उनके संदेश अपनाकर विकास के पथ पर तो बढ़ा ही जा सकता है। बेहतर समाज की स्थापना भी हो सकती है। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं न केवल व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि व्यावसायिक जीवन में भी मार्गदर्शक हैं।
बेहतर निर्णय लेने में मिलती है मदद
उनके द्वारा बताए गए सिद्धांतों को अपनाकर एक व्यक्ति न केवल जीवन में सफल हो सकता है, बल्कि बेहतर समाज की परिकल्पना कर सकता है। वहीं, सफल प्रबंधक बन सकता है, बल्कि एक अच्छा और नैतिक नेतृत्वकर्ता भी बन सकता है।
भगवान श्रीकृष्ण के प्रति आस्था रखने वाले उनकी नीतियों को जीवन में उतरा चुके हैं। उन्होंने बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है। मैनेजमेंट सिद्धांत समझने के लिए उनके समय में अपनाई रणनीतियों का अध्ययन किया जा सकता है। उनके विचार न केवल धार्मिक बल्कि नैतिक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हैं।