Tulsi Puja: घर में रखनी चाहिए इस तरह की तुलसी, होगा मां लक्ष्मी का आगमन, मिलेगी तरक्की"/> Tulsi Puja: घर में रखनी चाहिए इस तरह की तुलसी, होगा मां लक्ष्मी का आगमन, मिलेगी तरक्की"/>

Tulsi Puja: घर में रखनी चाहिए इस तरह की तुलसी, होगा मां लक्ष्मी का आगमन, मिलेगी तरक्की

रामा या श्यामा तुलसी लगाते हैं और उसकी प्रतिदिन पूजा करते हैं। दोनों तुलसी का अपना महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इन दोनों तुलसी के पौधों में से कौन-सा पौधा घर में रखना लाभकारी होता है।

HIGHLIGHTS

  1. श्यामा तुलसी के पत्ते गहरे बैंगनी रंग के होते हैं।
  2. रामा तुलसी के पत्ते हरे रंग के होते हैं।
  3. तुलसी के 5 प्रकार बताए गए हैं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Significance of Tulsi: हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व माना जाता है। तुलसी कई प्रकार की होती है। ज्यादातर लोग अपने घरों में रामा या श्यामा तुलसी लगाते हैं और उसकी प्रतिदिन पूजा करते हैं। दोनों तुलसी का अपना महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इन दोनों तुलसी के पौधों में से कौन-सा पौधा घर में रखना लाभकारी होता है। तुलसी के 5 प्रकार बताए गए हैं। सबका अपना-अपना महत्व माना जाता है।

 

2) रामा तुलसी

3) श्वेत तुलसी

4) वन तुलसी

 

5) नींबू तुलसी

श्यामा तुलसी की पहचान

 

श्यामा तुलसी के पत्ते गहरे बैंगनी रंग के होते हैं। इसलिए इसे श्यामा तुलसी कहा जाता है। इसके अलावा यह तुलसी भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय मानी जाती है। इस तुलसी को तुलसी को कृष्णा तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। श्यामा तुलसी भी कई लोग अपने घर में लगाते हैं और रोज इसकी पूजा करते हैं।

रामा तुलसी की पहचान

 

रामा तुलसी के पत्ते हरे रंग के होते हैं। इसे रामा तुलसी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह भगवान राम की प्रिय मानी जाती है। इसकी पत्तियों का स्वाद मीठा होता है। तुलसी दोनों ही तरह की घर में रखी जा सकती हैं, लेकिन रामा तुलसी को घर में रखना अधिक लाभकारी माना जाता है। इससे व्यक्ति की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। इसकी प्रतिदिन पूजा करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।

 

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button