Baby Care Tips: बच्चे के लिए बेहद जरूरी है ब्रेस्टफीडिंग, एक साल तक बिल्कुल भी न दें बाहरी दूध

ब्रेस्टफीडिंग बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। इसी कारण डॉक्टर्स भी महिलाओं के मां बनने के बाद उनके बच्चों को स्तनपान कराने की सलाह देते हैं। ब्रेस्टफीडिंग मां और बच्चे के रिश्ते को मजबूत करने में भी मदद करता है। इस दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।

HIGHLIGHTS

  1. मां का दूध कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित है।
  2. ऐसे बच्चों में मोटापे की आशंका भी कम होती है।
  3. जन्म के एक वर्ष तक बच्चों को चीनी नहीं दें।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। Baby Care Tips: स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ अनिता गुप्ता के मुताबिक, दूध शिशुओं के लिए आदर्श भोजन है। यह संतुलित, स्वच्छ और सुरक्षित है। इसमें वे एंटीबॉडी पाए जाते हैं, जो सामान्य रूप से बच्चों में होने वाली बीमारियों से उनकी रक्षा करते हैं। यह जीवन के प्रारंभिक माह ही नहीं, बल्कि आगे भी बच्चों की सेहत के लिए रक्षा कवच बनता है।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो मां का दूध बच्चे के जन्म के पहले वर्ष की दूसरी छमाही में पोषण जरूरतों का आधा या अधिक और जीवन के दूसरे वर्ष के दौरान एक तिहाई तक पूरा करता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं में स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर का जोखिम भी कम होता है।

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बढ़ जाता है कुपोषण का खतरा

स्तनपान से बच्चे को संतुलित पोषण मिलता है। यह कुपोषण से बचाव करता है, पर डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के विपरीत, छह महीने से कम उम्र के आधे से भी कम शिशुओं को स्तनपान कराया जाता है।

मां का दूध कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित है, क्योंकि बच्चा उसे आसानी से पचा पाता है। यदि जन्म के समय बच्चा कमजोर है और उसे बाहरी दूध दिया जाता है, तो वह उसे पचा नहीं पाता और कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है।

एक वर्ष तक बच्चों को चीनी न दें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्तनपान करने वाले बच्चे की बुद्धिमत्ता अच्छी होती है। वे आगे चलकर बेहतर प्रदर्शन करते हैं। उनमें वजन बढ़ने या मोटापे की आशंका कम होती है। भविष्य में मधुमेह होने की आशंका भी कम होती है।

स्तनपान नहीं करने वाले बच्चों में आगे मोटापा बढ़ने की आशंका इसलिए भी होती है, क्योंकि उन्हें बाहर उपलब्ध वसायुक्त दूध चीनी मिलाकर दिया जाता है, जबकि एक वर्ष तक बच्चों को चीनी नहीं देनी चाहिए।

 

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ध्यान रखी जाने वाली बातें

  • ध्यान दें कि जन्म से एक वर्ष तक बच्चे को अलग से मीठा या नमक नहीं देना चाहिए।
  • मीठा बाहर से देना हो तो आप उन्हें गुड़ का पानी दे सकते हैं पर चीनी कतई नहीं।
  • बच्चे के स्वास्थ्य और जीवन को सुनिश्चित करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है स्तनपान।
  • यदि जन्म के बाद मां के स्तन में दूध कम आ रहा है या बच्चा ठीक से स्तनपान नहीं कर पा रहा तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • स्तन में दूध की उचित मात्रा बनी रहे, इसके लिए मां को संतुलित भोजन के साथ उचित मात्रा में द्रव का सेवन करना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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