MP News: अब जिलों में घूम-घूम कर इकट्ठा करेंगे खाद्य सैंपल, मप्र को केंद्र से मिलेगी 40 चलित लैब, तत्काल मिलेगी रिपोर्ट
चलित खाद्य लैब में केमिस्ट की तैनाती होगी, जो साप्ताहिक बाजार, मेला आदि सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को मिलावटी चीजों की पहचान के बारे में जानकारी देंगे। इससे लोगों में जागरूकता भी फैलाई जाएगी। राज्य खाद्य प्रयोगशाला में सैंपलों का दबाव कम होगा।
HIGHLIGHTS
- अभी मप्र के 15 जिलों में लैब संचालित हो रही है।
- FSSAI से 40 जिलों के लिए चलित लैब मिलेगी।
- चलित लैब पूरे जिले में घूमकर सैंपल इकट्ठा करेगी।
भोपाल। खानपान की चीजों की शुद्धता जांचने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में चलित लैब की व्यवस्था होगी। अभी 15 जिलों में यह लैब संचालित हो रही हैं। अन्य 40 जिलों के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से लैब मिलने वाली हैं।
पूरे जिले में घूमकर लेंगी सैंपल
यह लैब पूरे जिले में घूमकर सैंपल लेंगी। रहवासी क्षेत्रों में भी पहुंचेंगी, जहां लोग निगरानी के लिए खानपान की चीजों की जांच करा सकेंगे। इस लैब से मात्र निगरानी (सर्विलांस) सैंपलों की जांच की जा सकेगी, यानी जांच रिपोर्ट अमानक आने पर भी कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। जांच रिपोर्ट तत्काल मिल जाएगी।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि इसी वर्ष प्रदेश के लिए 40 चलित लैब के लिए एफएसएसएआई को प्रस्ताव भेजा गया था। जिस पर प्राधिकरण ने सहमति दे दी है। ऐसे में आशा है कि इस वर्ष अंत तक प्रदेश को लैब मिल जाएंगी।
इसके साथ ही प्रदेश के सभी 55 जिलों में चलित लैब संचालित होने लगेंगी। जिले में लैब के भ्रमण का पूरे एक माह का कार्यक्रम तय किया जाएगा कि कब कहां जाएगी। बता दें कि पहले चरण में संभागीय मुख्यालय वाले नौ जिलों के लिए लैब मिली थीं। इसके बाद छह और आई थीं।
चलित खाद्य लैब से यह होगा लाभ
- लैब में केमिस्ट की तैनात किया जाएगा। वह साप्ताहिक बाजार, मेला आदि पहुंचकर मिलावटी चीजों की पहचान के बारे में बताएंगे।
- दूध में पानी या डिटर्जेंट की मिलावट का पता किया जा सकेगा।
- बार-बार उपयोग होने वाला तेल की गुणवत्ता पता की जा सकेगी।
- राज्य खाद्य प्रयोगशाला में सैंपलों का दबाव कम होगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की आसानी से जांच हो जाएगी।