Gallantry Awards: 36 वीर जांबाजों को वीरता पुरस्कार, राष्ट्रपति ने 10 जवानों को कीर्ति और 26 को शौर्य चक्र से किया सम्मानित
राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को रक्षा अलंकरण समारोह आयोजित किया गया। इसमें राष्ट्रपति ने जवानों को शौर्य और कीर्ति चक्र से सम्मानित किया, कुछ जवानों को मरणोपरांत भी यह सम्मान दिया गया। बता दे कि अशोक चक्र के बाद कीर्ति चक्र दूसरा और शौर्य चक्र तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।
HIGHLIGHTS
- सात जवान मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित
- शौर्य चक्र से सात जवान मरणोपरांत सम्मानित
- प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र भी समारोह में हुए शामिल
Gallantry Awards एजेंसी, नई दिल्ली। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को 10 कीर्ति चक्र प्रदान किए। इनमें से सात कीर्ति चक्र मरणोपरांत प्रदान किए गए। इसके साथ ही 26 जवानों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया, इनमें से सात मरणोपरांत प्रदान किए गए।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार ये वीरता पुरस्कार सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के पुलिसकर्मियों को प्रदान किए।
इन जवानों को मरणोपरांत कीर्ति चक्र
भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन में ग्रेनेडियर्स के सिपाही पवन कुमार, पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमान सिंह और पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) की 9वीं बटालियन के हवलदार अब्दुल मजीद के साथ ही सीआरपीएफ जवान दिलीप कुमार दास, हेड कांस्टेबल राज कुमार यादव, कांस्टेबल बबलू राभा और कांस्टेबल शंभू राय को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
इन जवानों को मरणोपरांत शौर्य चक्र
- कांस्टेबल सफीउल्लाह कादरी
- मेजर विकास भांभू
- मेजर मुस्तफा बोहारा
- राइफलमैन कुलभूषण मंटा
- हवलदार विवेक सिंह तोमर
- राइफलमैन आलोक राव
- कैप्टन एमवी प्रांजल
पीएम ने कही ये बात
अलंकृण समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि ‘राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह-2024 (चरण-1) में भाग लिया, जहाँ राष्ट्रपति जी ने वीरता पुरस्कार प्रदान किये। हमारे देश को हमारे वीर सैनिकों की वीरता और समर्पण पर गर्व है। वे सेवा और त्याग के उच्चतम आदर्शों का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। उनका साहस हमारे लोगों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।’