Type Two Diabetes: इन लापरवाहियों से बढ़ जाता है टाइप टू डायबिटीज का खतरा, घेर लेती है ये समस्याएं
देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो कि चिंता का विषय बन चुका है। स्वस्थ जीवन शैली न होने के कारण लोग जल्दी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं, साथ ही समय पर ध्यान न देने के कारण टाइप टू डायबिटीज का खतरा भी बढ़ रहा है। यहां आपको बताते हैं टाइप टू डायबिटीज क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
HIGHLIGHTS
- जेनेटिक कारणों से होता है डायबिटीज
- हर उम्र के व्यक्ति को हो रही शुगर
- बच्चे भी डायबिटीज की चपेट में आ रहे
Type Two Diabetes हेल्थ डेस्क, इंदौर। वर्तमान परिवेश में डायबिटीज के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। आयु बढ़ने के साथ लोगों को टाइप टू डायबिटीज हो रही है। अनियमित दिनचर्या के कारण अपेक्षाकृत कम उम्र में ही डायबिटीज के लक्षण देखे जा रहे हैं। इसलिए आवश्यक हो है कि 30 से 35 वर्ष की आयु से मधुमेह की जांच निरंतर रूप से कराएं। 40 वर्ष की आयु के बाद तो और सतर्कता रखें। छह-छह माह के अंतर में मधुमेह के स्तर का परीक्षण कराते रहें।
यह देखा जाता है कि सामान्यतः टाइप टू डायबिटीज के पीड़ित को जांच के अभाव में समय रहते पता नहीं चलता है। पीड़ित के स्वास्थ्य को यह रोग अंदर ही अंदर क्षति पहुंचाता रहता है। मधुमेह से हृदय, गुर्दा से लेकर मस्तिष्क तक समस्या हो सकती है। समय से जांच हो जाए और मधुमेह के बारे में पता चल जाए तो उसकी उचित रोकथाम संभव है।
डायबिटीज से हो सकती है ये समस्याएं
- लकवा
- किडनी खराब होना
- आंख के पर्दे खराब होना
- पांव में गैंगरीन की समस्या
क्यों होता है डायबिटीज
- अव्यवस्थित खानपान
- अधिक शराब का सेवन
- मिठाई पदार्थों का अधिक सेवन
- अधिक मात्रा में नमक का उपयोग
- नियमित व्यायाम न करना
ऐसे करें बचाव
- पौष्टिक आहार लें
- पर्याप्त नी
- मीठी चीजों का सेवन कम करें
- नियमित व्यायाम करें
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।