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Symptoms Of Paralysis: शरीर में होने वाले कई बदलाव देते हैं पैरालिसिस के संकेत, जानें क्‍या है लक्षण

पैरालिसिस आने पर कुछ लक्षण उभर कर सामने आने लगते हैं। इसमें हाथ सही तरीके से काम करना बंद कर देता है। आवाज लड़खड़ाने लगती है। चेहरा थोड़ा तिरछा देखने लगता है। वहीं मुस्कुराने पर मुंह एक ओर खींचने लगता है। पानी पीने पर मुंह की एक ओर से पानी गिरने लगता है। यदि कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा है, तो तत्काल हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. पैरालिसिस के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क
  2. चार घंटे के भीतर उपचार से कम होता है पैरालिसिस का खतरा
  3. पैरालिसिस के खतरे से बचने के लिए अपनाएं स्वस्थ जीवन शैली

हेल्थ डेस्क, इंदौर। अक्सर देखा गया है कि पैरालिसिस अटैक आने के बाद अस्पताल ले जाने में देरी कर देते हैं, इस वजह से मरीज को समय पर इलाज न मिलने से वह आजीवन पैरालिसिस से ग्रस्त रहता है। पैरालिसिस (लकवा) होने पर साढ़े चार घंटे के भीतर मरीज को ट्रिटमेंट देना जरूरी होता है। इसलिए जैसे ही पैरालिसिस के लक्षण दिखने लगे, वैसे ही मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना बेहतर रहता है। इस अवधि में पहुंचने पर मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। ब्रेन स्ट्रोक व लकवा विशेषज्ञ डॉ मनीष गोयल से समझते है, पैरालिसिस क्या है और इसके क्या लक्षण है।

दो तरह का होता है पैरालिसिस

पैरालिसिस की समस्‍या दो तरह से हो सकती है। एक स्ट्रोक, जिसमें मस्तिष्क में खून पहुंचना बंद हो जाता है। दूसरा हेमरेज, जिसमें मस्तिष्क की नसें फट जाती हैं। हम स्ट्रोक की बात करें तो इसमें टीआइए (ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक) होता है, जो 24 से 48 घंटें में आता है। कई मरीजों में इसकी शिकायतें देखने को मिलती हैं। इसलिए अटैक के बाद शरीर में आने वाले बदलाव और लक्षण का समझना जरूरी होता है।

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ये हैं लक्षण
  • लगातार हाथ कपकपाना पैरालिसिस का संकेत है। ऐसे में जल्‍द से जल्‍द डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआत में बीमारी पकड़ आने से इलाज में आसानी होगी।
  • सोने के दौरान अचानक सिर में झटका आता है, तो यह पैरालिसिस का लक्षण हो सकता है। हालांकि, जांच करवाने पर स्थिति और स्पष्ट हो जाती है।
  • अगर खून की सप्लाई बराबर नहीं हो रही है या नसों में दिक्कत है, तो पैरालिसिस का खतरा हो सकता है।
 

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