Amarnath Yatra 2024: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 25 जून को रवाना होगा पहला जत्था, जानिए यात्रा से जुड़ी अहम बातें
सालाना अमरनाथ यात्रा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है। श्रद्धालुओं के साथ ही सेना ने भी तैयारी पूरी कर ली है। एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग कर अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा का जायजा लिया।
HIGHLIGHTS
- इस वर्ष 29 जून से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा।
- जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम।
- रक्षाबंधन पर खत्म होगी यह यात्रा।
धर्म डेस्क, इंदौर। Amarnath Yatra 2024: जम्मू कश्मीर स्थित बाबा अमरनाथ में बर्फ से प्राकृतिक रूप से बनने वाले शिवलिंग के दर्शन करने के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत देशभर के प्रमुख शहरों से पहला जत्था 25 जून को रवाना होगा। वहीं, 29 जून से यात्रा शुरू होगी। रायपुर से 150 और प्रदेशभर से 500 से अधिक श्रद्धालु रवाना होंगे। कई साल से यात्रा पर जा रहे अनुभवी श्रद्धालु पहली बार जाने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा में होने वाली परेशानियों से निपटने के विशेष सुझाव दे रहे हैं। इसके लिए व्हाट्सअप ग्रुप बनाया गया है, ताकि यात्रा के दौरान श्रद्धालु एक-दूसरे के संपर्क में रहे।
करें ऑनलाइन-ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन
इस बार अमरनाथ यात्रा 29 से जून से शुरू होकर 19 अगस्त यानी की रक्षाबंधन पर्व तक चलेगी। 18वीं अमरनाथ यात्रा में बालाघाट और पहलगाम मार्ग से भक्त यात्रा करेंगे। 1 जुलाई को भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर पाएंगे। यात्रा के लिए 17 अप्रैल से ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर की 20 बैंक शाखाओं में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू किए जा चुके हैं। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुताबिक, 13 साल से लेकर 70 साल के लोग अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए https://jksasb.nic.in वेबसाइट पर जा सकते हैं।
इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
अमरनाथ यात्रा के लिए आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड, श्राइन बोर्ड से ऑथराइज्ड डॉक्टर के हाथों बना हुआ मेडिकल सर्टिफिकेट, 5 पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होगी। इस यात्रा पर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, जॉइंट पेन, सांस की बीमारी, मिर्गी के दौरे जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग नहीं जा सकते हैं। 29 जून 2024 से बाबा अमरनाथ की गुफा के पास भंडारा भी शुरू होगा और रक्षाबंधन के दिन तक चलेगा। इसमें यात्रियों के लिए नाश्ता, भोजन और चाय की व्यवस्था रहेगी। वहीं, बालटाल बेस कैंप में श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की व्यवस्था भी की जाएगी।
डिसक्लेमर
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