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Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर बनने जा रहे हैं बेहद शुभ संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

HIGHLIGHTS

  1. भगवान गणेश सभी प्रकार के कष्टों को दूर करते हैं।
  2. सच्चे मन से बप्पा की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  3. विनायक चतुर्थी पर पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बनने जा रहा है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Vinayak Chaturthi 2024: इस बार विनायक चतुर्थी 10 जून को मनाई जाने वाली है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसके अलावा विशेष कार्यों में सफलता पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है।

भगवान गणेश सभी प्रकार के कष्टों को दूर करते हैं। ऐसे में विनायक चतुर्थी पर सच्चे मन से बप्पा की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। ज्योतिषियों के मुताबिक, विनायक चतुर्थी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इनमें दुर्लभ ध्रुव योग भी शामिल है। इन योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होता है।

विनायक चतुर्थी 2024 तिथि

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 जून को दोपहर 3.44 बजे होगी और इसकी समाप्ति 10 जून को शाम 4.14 बजे होगी। वहीं, इस दिन चंद्र दर्शन का समय 02 घंटे 47 मिनट रहेगा। चंद्रास्त का समय रात 10:54 बजे है। आप शुभ मुहूर्त देखकर भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं।

ध्रुव योग

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर ध्रुव योग बन रहा है। यह योग शाम 4 बजकर 48 मिनट तक है। ध्रुव योग को ज्योतिषी शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से बहुत लाभ मिलता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहा है। दोनों योग सुबह 5.23 बजे से बन रहे हैं। ये योग रात 9 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होंगे।

पुष्य नक्षत्र संयोग

विनायक चतुर्थी पर पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बनने जा रहा है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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