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Pradosh Vrat 2024: मनचाहे वर की होगी प्राप्ति, प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा

धार्मिक मान्यता के अनुसार, त्रयोदशी के दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करने से स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

HIGHLIGHTS

  1. त्रयोदशी के दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करना चाहिए।
  2. इस दिन मंगलवार होने से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
  3. इस दिन शिव मंत्रों का जाप भी लाभकारी होता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Pradosh Vrat 2024: त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है। प्रदोष व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा। इस दिन मंगलवार होने से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, त्रयोदशी के दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करने से स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है और शिव जी की कृपा भी बनी रहती है। इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही कुंवारे लोगों की इस व्रत के प्रभाव से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। सभी प्रकार के कष्ट भी दूर होते हैं। आइए, जानते हैं कि प्रदोष व्रत पर कैसे भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

प्रदोष व्रत 2024 तिथि

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 जून को दोपहर 12.18 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 4 जून को रात 10.01 बजे समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

    • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
    • साफ कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
    • एक चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति रखें।
    • शहद, घी और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
    • अब भगवान को बेल के फूल, बेलपत्र और भांग चढ़ाएं, माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
    • दीपक जलाएं और शिव जी की आरती करें। साथ ही शिव चालीसा का पाठ करें।
    • शिव मंत्रों का जाप भी लाभकारी होता है।
    • अंत में फल, मिठाई और अन्य चीजें अर्पित करें।
    • अपनी श्रद्धा के अनुसार गरीबों को भोजन, धन और वस्त्र का दान करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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