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Pradosh Vrat 2024: वैशाख माह के पहला प्रदोष व्रत 5 मई को, राशि के अनुसार करें भगवान भोलेनाथ का अभिषेक

HIGHLIGHTS

  1. वैशाख माह के पहला प्रदोष व्रत 5 मई को रखा जाएगा।
  2. इस दिन रविवार होने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
  3. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 मई को शाम 5.41 बजे आरंभ होगी।

धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव का सर्वशक्तिमान माना जाता है और हर माह प्रदोष व्रत के दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है और भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, यदि राशि के अनुसार जातक महादेव की पूजा करते हैं तो सभी दूख दूर हो जाते हैं।

वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत

 

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के पहला प्रदोष व्रत 5 मई को रखा जाएगा। इस दिन रविवार होने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 मई को शाम 5.41 बजे आरंभ होगी और 6 मई 2024 को दोपहर 2.40 बजे समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 5 मई को ही रखा जाना उचित होगा। इस दिन शिव पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06.59 बजे से 09.06 बजे तक रहेगा।

 

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राशि के अनुसार करें शिवजी का अभिषेक

 

    • मेष राशि: जल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
    • वृषभ राशि: शिवलिंग पर दूध और दही से अभिषेक करें।
    • सिंह राशि: शिवलिंग पर पानी में देसी घी और गुड़ मिलाकर शिव अभिषेक करें।
    • कर्क राशि: भगवान शिव पर दूध, दही, घी और गंगाजल मिलाकर अभिषेक करें।
    • मिथुन राशि: गन्ने के रस और शहद से शिव जी अभिषेक करना चाहिए।
    • तुला राशि: सुगंधित इत्र और गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें।
    • कन्या राशि: भगवान शिव की कृपा पाने के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए।
    • धनु राशि: गाय के दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।
    • वृश्चिक राशि: पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें।
    • मकर राशि: भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो पवित्र नदियों के जल से अभिषेक करें।
    • कुंभ राशि: भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए।
    • मीन राशि: दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।

डिसक्लेमर

 

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

 

 

 
 
 
 

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