Krishna Janmashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी पर कब करें पूजा, इस दिन बाल गोपाल को झूला जरूर झुलाएं

जन्माष्टमी के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना होती है। मंदिरों से लेकर घरों में श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की झांकियां सजाई जाती हैं। पंचामृत समेत विशेष पकवानों का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही उनका विशेष श्रृंगार किया जाता है और उन्हें झूला झुलाया जाता है। यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है।

HIGHLIGHTS

  1. इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी।
  2. दुनिया के कई देशों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
  3. इस दिन बाल-गोपाल को खुशी से पालने में जरूर झुलाएं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Krishna Janmashtami 2024: हर साल कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से 22वें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है।

भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में इस पर्व को मनाया जाता है। हर साल जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है। इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को मनाई जाने वाली है। आइए, जानते हैं कि इस दिन किस समय पूजा करना शुभ होता है।

कृष्ण जन्माष्टमी तिथि 2024

इस साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन 27 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी व्रत 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। पूजा का समय 27 अगस्त को देर रात 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक है। इस समय में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

इस साल 2024 में जन्माष्टमी 26 और 27 अगस्त दोनों दिन मनाई जाएगी। उदया तिथि के अनुसार 26 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, गोकुल और वृंदावन में 27 अगस्त को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

 

बाल गोपाल को जरूर झुलाएं झूला

  • जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के निमित्त व्रत रखा जाता है और रात में श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।
  • इस दिन भगवान को हल्दी, दही, घी, तेल, गंगाजल आदि से स्नान कराया जाता है। उन्हें चंदन लगाया जाता है।
  • बाल-गोपाल को खुशी से पालने में जरूर झुलाएं। इस दिन मंदिरों में भव्य सजावट की जाती है। भजन-कीर्तन होते हैं।
  • इस दिन श्रीमद्भागवत का पाठ भी किया जाता है। जन्माष्टमी मथुरा-वृन्दावन में बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
  • जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का आयोजन किया जाता है। बाल गोपाल के झूले को सजाने के लिए ताजे फूलों को इस्तेमाल करें।

naidunia_image

 

झूला झुलाने का महत्व

जन्माष्टमी पर बाल गोपाल को झूला झुलाने का विशेष महत्व है। भगवान श्रीकृष्ण को झूला झुलाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसा करने से संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि रात के समय बाल गोपाल का जन्म होता है, जिसके बाद उन्हें पालने में झुलाया जाता है। जिस तरह एक छोटे बच्चे को जन्म के बाद पालने में सुलाया जाता है। इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं।

naidunia_image

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button