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Shani Jayanti 2024: इन चीजों के बिना अधूरी मानी जाएगी शनि जयंती की पूजा, नोट करें सामग्री लिस्ट

ज्योतिष शास्त्र में शनि जयंती पर पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्रियां बताई गई हैं, जिनके बिना पूजा की थाली अधूरी मानी जाती है।

HIGHLIGHTS

  1. इस दिन शनिदेव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है
  2. शनि जयंती पर पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्रियां बताई गई हैं।
  3. ज्योतिष शास्त्र में शनि जयंती का दिन बहुत खास माना गया है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Shani Jayanti 2024: हिंदू धर्म में शनि जयंती का त्योहार बहुत खास माना जाता है। यह हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष शनि जयंती 6 जून 2024, गुरुवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शनिदेव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही शुभ परिणाम मिलते हैं।

वहीं, ज्योतिष शास्त्र में शनि जयंती पर पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्रियां बताई गई हैं, जिनके बिना पूजा की थाली अधूरी मानी जाती है। इन चीजों के साथ शनिदेव की पूजा करने से व्रत का पूरा फल मिलता है।

शनि पूजन सामग्री

शनिदेव की प्रतिमा, शनिदेव की चालीसा, शनिदेव कथा की पुस्तक, काले और नीले वस्त्र, नीले फूल और फूलों की माला, सरसों का तेल, तिल का तेल, काला तिल, हवन सामग्री, हवन कुंड, अक्षत, धूप, शमी पत्ता, गंगाजल, मिठाई, फल, चंदन, दीप, गंध, सुपारी, जल, आसन, पान, दक्षिणा।

शनि जयंती पर करें ये कार्य

ज्योतिष शास्त्र में शनि जयंती का दिन बहुत खास माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा के अलावा और भी कई बातों का ध्यान रखना होता है। कहा जाता है कि अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस दिन छल-कपट का त्याग करने का निर्णय लेना चाहिए।

साथ ही आपको सच्चाई का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि शनिदेव न्याय के देवता माने जाते हैं और उन्हें किसी भी तरह के गलत कार्य पसंद नहीं हैं। इस दिन पितरों के लिए दान और तर्पण भी करना चाहिए। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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