Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी के दिन करें इन चीजों का दान, दुर्भाग्य हो जाएगा कोसों दूर

Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी के दिन अन्न दान करना शुभ माना जाता है। इससे जातक के घर कभी अन्न की कमी नहीं होती और मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है।

HIGHLIGHTS

  1. परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।
  2. इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।
  3. इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 25 सितंबर को रखा जाएगा।

Parivartini Ekadashi 2023: सनातन धर्म में हर मास देवता-देवताओं को समर्पित किया गया है। हर तिथि के अलग-अलग भगवान हैं। जिनके तिथि के आधार पर पूजा की जाती है। कुछ तिथियां ऐसी हैं, जिस दिन व्रत रखने से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। जिसमें से एक परिवर्तिनी एकादशी का व्रत है। इस वर्ष व्रत 25 सितंबर, सोमवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है।

परिवर्तिनी एकादशी के दिन अन्न दान करना शुभ माना जाता है। इससे जातक के घर कभी अन्न की कमी नहीं होती और मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है।

पीले कपड़े दान करें

परिवर्तिनी एकादशी श्रीहरि को समर्पित है। इस दिन पीले वस्त्रों का दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। वहीं, शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

धार्मिक पुस्तक दान करें

परिवर्तिनी एकादशी के दिन धार्मिक किताब दान करें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जीवन में आ रही परेशानियां दूर कर देते हैं।

 

मिठाई दान करें

परिवर्तनी एकादशी के दिन सफेद मिठाई का दान करने का महत्व है। इससे जीवन में मिठास घुल जाती है। वहीं, मानसिक तनाव से छुटकरा मिलता है। इससे मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।

परिवर्तिनी एकादशी व्रत कब रखा जाएगा?

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर को सुबह 07.55 मिनट से आरंभ होगी। इसका समापन 26 सितंबर को सुबह 5 बजे होगा। 25 सितंबर को गृहस्थ वाले व्रत रखेंगे। वहीं, अगले दिन वैष्णव एकादशी व्रत रखा जाएगा।

परिवर्तिनी एकादशी व्रत का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से योग निद्रा में चले जाते हैं और परिवर्तिनी एकादशी के दिन करवट बदलते हैं। करवट बदलने से भगवान का स्थान बदलता है। इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते है।

परिवर्तिनी एकादशी के दिन शुभ संयोग

    • सुकर्मा योग- 25 सितंबर को दोपहर 03.23 मिनट से 26 सितंबर की रात्रि 12 बजे तक रहेगा।
    • सर्वार्थ सिद्धि योग- 25 सितंबर को सुबह 11.55 मिनट से 26 सितंबर की सुबह 06.11 मिनट तक रहेगा।
    • रवि योग- 25 सितंबर को सुबह 06.11 मिनट से 11.55 मिनट तक रहेगा।
    • द्विपुष्कर योग- 26 सितंबर को सुबह 09.42 मिनट से रात 01.44 मिनट तक रहेगा।

डिसक्लेमर

 

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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