Bone Fracture: फ्रैक्चर होने पर मालिश और सिकाई न करें, अन्यथा बढ़ सकती है परेशानी
हेल्थ डेस्क, इंदौर। Bone Fracture: अधिकांश भारतीय लोगों में विटामिन डी की कमी रहती है। जिसके चलते हड्डी कमजोर रहती है, और दुर्घटना होने पर फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। शरीर के जिस हिस्से में फ्रैक्चर होता है, वहां पर सूजन आ जाती है। कई बार लोगों खुद से ही सामान्य एक्स-रे करा लेते है। सामान्य एक्स-रे में कई बार बारिक फ्रैक्चर दिखाई नहीं देते है।
इसके बाद मरीज हड्डी बैठाने वाले के पास चले जाता है, या फिर मालिश वाले मालिश करवा लेते है। कई मामलों में मरीज घर पर ही गर्म तेल की मालिश करवाते है। जिससे हड्डी को नुकसान होता है। इसके बाद जब मरीज हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास जाते है, तो मामला पेचीदा हो जाता है। ऐसे मामलों में सबसे पहले मरीज को अपने आसपास के हड्डी रोग विशेषज्ञ डाक्टर से मिलना चाहिए।
डिजिटल एक्स-रे करवाएं
इसके बाद डाक्टर के परामर्श के अनुसार डिजिटल एक्स-रे करवाना चाहिए, ताकि माइनर फ्रैक्चर होने पर भी पता चल सके। कई बार फ्रैक्चर के साथ मांसपेशियों में भी खिंचाव आ जाता है। दुर्घटना होने पर तत्कालिक रूप से सूजन वाली जगह पर बर्फ से सिकाई करना चाहिए। सूजन वाले हिस्से को उपर उठाना चाहिए। वर्तमान में फ्रैक्चर जोड़ने की कई पद्धत्ति आ गई है।
डा. उपेंद्र तिवारी, हड्डी रोग विशेषज्ञ
अगर प्लास्टर लगा है तो विशेष सावधानी बरतें
जिसमें दूरबीन द्वारा, बिना टांके के ऑपरेशन, लेजर द्वारा ऑपरेशन शामिल है। इस आधुनिक तरीकों से बिना दर्द के इलाज किया जाता है, और रिकवरी भी जल्दी होती है। एक समय था जब बड़े चीरे लगाए जाते थे या ट्रैक्शन बांध कर महीनों तक फ्रैक्चर वाले अंग को लटका दिया जाता था। जिन मरीजों को प्लास्टर लगाया जाता है, उन्हें विशेष सावधानी बरतना चाहिए। किसी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत अपने डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। कई मामलों में मरीजों की लापरवाही से हड्डी गलत जगह जुड़ जाती है। ऐसे मामलों में दोबारा ऑपरेशन कर हड्डी को ठीक किया जा सकता है।