Lok Sabha Election 2024: खूब वायरल हो रही अमित शाह व ममता के भाषणों की क्लिपिंग, इन दो शब्दों पर गरमाई सियासत"/>

Lok Sabha Election 2024: खूब वायरल हो रही अमित शाह व ममता के भाषणों की क्लिपिंग, इन दो शब्दों पर गरमाई सियासत

HIGHLIGHTS

  1. बीते दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भाषण में ‘आत्रेयी नदी’ को ‘आत्मीय नदी’ कहा था।
  2. दूसरी ओर अमित शाह ने अपने भाषण में एक स्थान पर ‘बालुरघाट’ को ‘बेलुरघाट’ कह दिया था।
  3. इसके बाद से ही दोनें नेताओं के भाषणों के ये क्लिपिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

नईदुनिया न्यूज नेटवर्क, बालुरघाट। पश्चिम बंगाल में टीएमसी को मात देने के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राज्य की सियासत में इन दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और गृह मंत्री अमित शाह के भाषण की क्लिपिंग खूब वायरल हो रही है और सिर्फ दो शब्दों पर राजनीति गरमा रही है। ये दो शब्द हैं, ‘बेलुरघाट’ और ‘आत्मीय नदी’। यहां जानें क्या है ये पूरा मामला, जिस पर पक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से कई तर्क दिए जा रहे हैं।

ये है पूरा मामला

बीते दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भाषण में ‘आत्रेयी नदी’ को ‘आत्मीय नदी’ कहा था, वहीं दूसरी ओर अमित शाह ने अपने भाषण में एक स्थान पर ‘बालुरघाट’ को ‘बेलुरघाट’ कह दिया था। इसके बाद से ही दोनें नेताओं के भाषणों के ये क्लिपिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मीम्स बन रहे हैं और उन्हें वायरल किया जा रहा है।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर

इन दो शब्दों को लेकर सियासत इतनी गरमा गई है कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेता अब एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। TMC नेता और लोकसभा उम्मीदवार बिप्लब मित्रा ने भाजपा उम्मीदवार सुकांत मजूमदार के साथ-साथ अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि गृह मंत्री का बयान निरर्थक है, उन्होंने जिले के विकास के लिए कुछ नहीं कहा। वह तो बालुरघाट का नाम तक नहीं बोल सकते हैं। वे अपने भी प्रत्याशी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम ठीक से नहीं बता सकते हैं।

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उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सुकांत पर निशाना साधते हुए कहा कि वे 5 साल सांसद रहे। पीने का पानी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि के लिए कोई काम नहीं किया। उन्हें पहले अपना काम बताना चाहिए, उसके बाद टीएमसी की आलोचना करना चाहिए।

वहीं पलटवार करने में भाजपा उम्मीदवार सुकांत मजूमदार भी पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ने बीते 5 साल में उनके काम में बार-बार रोड़े अटकाए हैं। बालुरघाट और बेलुरघाट पर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि एक गुजराती भाषी व्यक्ति सही बांग्ला बोल पाएगा, यह सोचने की बात है, उन्होंने कहा कि एक बंगाली मुख्यमंत्री होने के नाते ‘आत्रेयी नदी’ का सही नाम तो ममता बनर्जी को लेना चाहिए था, लेकिन वे भी ‘आत्रेयी नदी’ को ‘आत्मीय नदी’ बोल रही हैं।

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