Gaya Lok Sabha Constituency 2024: कभी यहां पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी बनी थी सांसद, अब मांझी की राजद से टक्कर"/> Gaya Lok Sabha Constituency 2024: कभी यहां पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी बनी थी सांसद, अब मांझी की राजद से टक्कर"/>

Gaya Lok Sabha Constituency 2024: कभी यहां पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी बनी थी सांसद, अब मांझी की राजद से टक्कर

HIGHLIGHTS

  1. गया संसदीय क्षेत्र को साल 1967 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
  2. परिसीमन के बाद इस सीट के क्षेत्रों के कई बार बदलाव किया गया है।
  3. साल 1996 में इस सीट से पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी ने लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया था।

नीरज कुमार, गया। फल्गु नदी के तट पर बसा गया संसदीय क्षेत्र कई छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा है। हिंदू धर्म में इसे मोक्ष और ज्ञान की धरा माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि फल्गु में तर्पण-अर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान बुद्ध की धरती बोधगया सांस्कृतिक व धार्मिक केंद्र से साथ-साथ अब आर्थिक केंद्र भी बनता जा रहा है। यहां सैकड़ों लोग कुटीर उद्योग से जुड़े हैं वहीं आज भी कई लोगों का आर्थिक आधार खेती से जुड़ा हुआ है।

1952 से पहले ये थी स्थिति

1952 के पहले लोकसभा चुनाव में गया के नाम से तीन संसदीय क्षेत्र थे, जिन्हें गया पूर्वी, गया उत्तरी और गया पश्चिमी कहा जाता था। वर्तमान में जो गया संसदीय क्षेत्र है, उसमें अधिकांश क्षेत्र तत्कालीन गया नार्थ में था। गया पूर्व में नवादा तथा गया पश्चिम में वर्तमान औरंगाबाद का अधिकांश क्षेत्र है। यहां पहले लोकसभा चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी के बिगेश्वर मिसिर और गया वेस्ट से कांग्रेस प्रत्याशी सत्येंद्र नारायण सिंह चुने गए थे। गया ईस्ट 2 सदस्यीय सीट थी और यहां से ब्रजेश्वर प्रसाद और रामधनी दास चुने गए थे। 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में परिसीमन के बाद नवादा, गया और औरंगाबाद अस्तित्व में आ गए और 1957 में कांग्रेस के ब्रजेश्वर प्रसाद निर्वाचित हुए।

1967 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित

गया संसदीय क्षेत्र को साल 1967 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। परिसीमन के बाद इस सीट के क्षेत्रों के कई बार बदलाव किया गया है। वर्तमान गया संसदीय सीट में गया जिले का शेरघाटी, बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, बेलागंज व वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र शामिल है। साल 1996 में इस सीट से जनता दल की सिंबल पर पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी ने लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया था। इस बार गया संसदीय सीट पर हम के जीतन राम मांझी और राजद के कुमार सर्वजीत आमने-सामने है।

जातीय संघर्ष का लंबा इतिहास

गया संसदीय सीट पर नक्सल और जातीय संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। इसका प्रभाव स्थानीय के साथ-साथ लोकसभा चुनावों में भी देखने को मिलता रहा है। बोधगया और गया जी तीर्थ क्षेत्र होने से पर्यटकों को आकर्षित करता है, लेकिन इसके बावजूद विकास का इंतजार अभी भी है।

गया से अभी तक चुने गए सांसद

    • 1957 : ब्रजेश्वर प्रसाद (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
    • 1962 : ब्रजेश्वर प्रसाद (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
    • 1967 : रामधनी दास (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
    • 1971 : ईश्वर चौधरी (भारतीय जनसंघ)
    • 1977 : ईश्वर चौधरी (जनता पार्टी)
    • 1980 : रामस्वरूप राम (भा. रा. कांग्रेस आई)
    • 1984 : रामस्वरूप राम (भा. राष्ट्रीय कांग्रेस)
    • 1989 : ईश्वर चौधरी (जनता दल)
    • 1991 : राजेश कुमार (जनता दल)
    • 1996 : भगवती देवी (जनता दल)
    • 1998 : कृष्ण कुमार चौधरी (भाजपा)
    • 1999 : रामजी मांझी (भाजपा)
    • 2004 : राजेश कुमार मांझी (राजद)
    • 2009 : हरि मांझी (भाजपा)
    • 2014 : हरि मांझी (भाजपा)
  • 2019 : विजय मांझी (जदयू)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button