लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा UCC, लिव-इन रिलेशन का भी डिक्लेरेशन देना होगा
HIGHLIGHTS
- अमित शाह ने कहा था, CAA लागू होकर रहेगा
- देश में एक पक्ष करता रहा है इस कानून का विरोध
- ऑनलाइन होगी प्रक्रिया, तेजी से होगा काम
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर केंद्र सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है। नियम बना लिए गए हैं। किसी भी वक्त अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश में CAA कानून लागू हो जाएगा।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून, चाहे वो किसी भी धर्म या मजहब का हो। सत्ता में आने के बाद भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया था।
देश का एक धड़ा इसके खिलाफ है। दिल्ली में कई दिनों तक प्रदर्शन भी हुआ था। विरोध करने वालों का कहना है कि यह कानून एक खास तबके की नागरिकता छीनने के लिए लाया जा रहा है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में साफ कर चुके हैं कि यह कानून किसी नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि देने के लिए लाया गया है।
कैसे लागू होगा नागरिकता संशोधन कानून
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने सीएए से जुड़े नियमों को तैयार कर लिया है। इन्हें एक-दो महीने में अधिसूचित कर लिया जाएगा।
पिछले दिनों बंगाल दौरे पर गए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए देश का कानून है और इसे लागू होने से कोई रोक नहीं सकता।
CAA के तहत किनको दी जाएगी नागरिकता
नागरिकता संशोधन कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 के पहले आने वाले छह गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक वर्गों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके लिए इन तीन देशों से आए विस्थापितों को कोई दस्तावेज देने की भी जरूरत नहीं है।
ऑनलाइन शुरू होगी प्रक्रिया
नागरिकता देने की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। पोर्टल तैयार कर लिया गया है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आने वाले विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा और गृह मंत्रालय इसकी जांच कर नागरिकता का आदेश जारी कर देगा। ऑनलाइन प्रक्रिया में जिला अधिकारियों की भूमिका सीमित होगी और नागरिकता देने में तेजी आएगी।
UCC लागू होने के बाद होंगे ये बड़े बदलाव
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- देश के हर नागरिक के बीच समान अधिकार होंगे।
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- लैंगिक समानता बढ़ेगी।
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- महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा।
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- लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ा दी जाएगी।
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- ग्राम स्तर पर शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।
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- बगैर रजिस्ट्रेशन के सरकारी सुविधा बंद हो जाएगी।
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- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार और अधिकार उपलब्ध होंगे। अभी पर्सनल लॉ बोर्ड में अलग-अलग कानून हैं।
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- बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
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- मुस्लिम महिलाओं को गोद लेने का हक मिलेगा।
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- हलाला और इद्दत पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
- लिव-इन रिलेशन का डिक्लेरेशन देना होगा।