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Acidity: समय से करें एसिडिटी का उपचार, सीने में जलन एवं दर्द हैं सामान्य लक्षण

Acidity: एसिडिटी को रोकने के लिए अपने आहार से अम्लीय, मसालेदार और खट्टे खाद्य पदार्थों को हटा दें।

HIGHLIGHTS

  1. एसिडिटी एक आम समस्या है, जो अक्सर पेट एवं सीने में जलन, दर्द का कारण बनती है।
  2. पेट में एसिड का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है या एसिड पेट से आहार नली में आने लगता है।
  3. एसिडिटी यानी गेस्ट्रोएसोफेजियल रिफ्लक्स डीसीज के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं।
 
Acidity। एसिडिटी एक आम समस्या है, जो अक्सर पेट एवं सीने में जलन, दर्द का कारण बनती है। यह समस्या मुख्यतः तब होती है जब पेट में एसिड का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है या एसिड पेट से आहार नली में आने लगता है।

 

पेट रोग विशेषज्ञ डा. एचपी यादव ने बताया कि एसिडिटी यानी गेस्ट्रोएसोफेजियल रिफ्लक्स डीसीज के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और कुछ घंटों के भीतर अपने आप चले जाते हैं, इसलिए इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। अगर ये लक्षण बार-बार हो तो आगे चलकर पेट में अल्सर, आहार नली में अल्सर, एसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज, एसोफेगस की सूजन (एसोफेगिटिस) और पेट के कैंसर जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

 

एसिडिटी का सबसे आम कारण है अत्यधिक मसालेदार, अम्लीय या खट्टे खाद्य पदार्थों जैसे कि काफी, चाय का सेवन है। धूमपान, शराब भी एसिडिटी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा तनाव, पेनकिलर, एंटीबायोटिक्स भी एसिडिटी को ट्रिगर कर सकती हैं।

 

यह हैं संकेत

 

सीने में जलन, खट्टी डकार, गले में जलन, गले में खराश, गले में दर्द, मुंह में खट्टा स्वाद, वजन कम होना एसिडिटी के लक्षण हैं इन्हें पहचान कर इस समस्या का जल्द से जल्द निदान किया जा सकता है।

 

एसिडिटी को रोकने के लिए अपने आहार से अम्लीय, मसालेदार और खट्टे खाद्य पदार्थों को हटा दें, अपनी जीवनशैली में बदलाव करें धूमपान छोड़ें, तनाव कम करें और नियमित रूप से व्यायाम करें। अधिक वजन होने से एसिडिटी का खतरा बढ़ जाता है इसलिए अपने वजन को नियंत्रित रखें। इसके अलावा नींद की कमी से और भूखे रहने से भी एसिडिटी का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए समय से खाना खाएं एवं पर्याप्त नींद लें। एसिडिटी की समस्या होने पर बिना लापरवाही किए डाक्टर से उपचार करवाएं।
 

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