‘Article 370 हटाने का फैसला सही’, पढ़िए SC के फैसले पर मोदी-शाह का रिएक्शन"/>

‘Article 370 हटाने का फैसला सही’, पढ़िए SC के फैसले पर मोदी-शाह का रिएक्शन

Article 370 SC Verdict LIVE Updates: जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। यहां भी वो ही कानून लागू होंगे, जो शेष भारत में लागू हैं।

HIGHLIGHTS

  1. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों वाली संविधान पीठ का फैसला
  2. 16 दिन चली सुनवाई के बाद 5 सितंबर को सुरक्षित रख लिया था फैसला
  3. सर्वोच्च अदालत के फैसले पर जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश की नजर

एजेंसी, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। पांच जजों की पीठ ने केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया और कई बड़ी बातें कहीं।

 

फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि आर्टिकल 370 अस्थायी व्यवस्था थी। इसको हटाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया सही है। उस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। राष्ट्रपति और केंद्र सरकार के पास ये सभी अधिकार हैं।

 

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने अपने फैसले में कहा कि आर्टिकल 370 हटाए जाने से जम्मू-कश्मीर को फायदा हुआ है। इसे पहले ही हटा दिया जाना चाहिए थे। इसके लिए संविधान सभा की सिफारिश जरूरी नहीं।जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। यहां भी वो ही कानून लागू होंगे, जो शेष भारत में लागू हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से फिर से राज्य का दर्जा दिया जाएगा। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने यह बात कही है। इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के निर्देश भी दिए। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा।

मोदी-शाह की प्रतिक्रिया

 
 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह ऐतिहासिक फैसला है। यह सिर्फ एक कानूनी फैसला नहीं है, यह आशा की किरण है, एक उज्जवल भविष्य का वादा है और एक वसीयतनामा है, एक मजबूत, एकजुट भारत बनाने का हमारा सामूहिक संकल्प।

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ”मैं अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को बरकरार रखने वाले भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। 5 अगस्त 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाने का एक दूरदर्शी निर्णय लिया। तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति लौट आई है।”

 

उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया

 

नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, मैं फैसले से निराश हूं, लेकिन हतोत्साहित नहीं। संघर्ष जारी रहेगा। यहां तक ​​पहुंचने में बीजेपी को दशकों लग गए। हम लंबी लड़ाई के लिए भी तैयार हैं।’

 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की प्रतिक्रिया

 

माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा धारा 370 के विषय में दिये गये फैसले का भारतीय जनता पार्टी स्वागत करती है। उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने धारा 370 और 35A को हटाने के लिए दिए गये निर्णय, उसकी प्रक्रिया और उद्देश्य को सही ठहराया है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने जम्मू- कश्मीर को देश की मुख्य विचारधारा में जोड़ने का ऐतिहासिक काम किया है, इसके लिए मैं और हमारे करोड़ों कार्यकर्ता प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार व्यक्त करते है।

 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, क्योंकि हमने धारा 370 को हटाने का समर्थन किया है। हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव होंगे। चुनाव से पहले अगर पीओके भारत में शामिल होता है, तो पूरे कश्मीर में चुनाव कराए जा सकते हैं।’

 

 

 

 

‘जम्मू-कश्मीर में लोगों का एक वर्ग इस फैसले से खुश नहीं होगा। मेरी ईमानदार सलाह है कि उन्हें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए। हकीकत को स्वीकार करें। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 हटाने को बरकरार रखा है और इसलिए अब अनावश्यक रूप से दीवार पर सिर मारने का कोई मतलब नहीं है। मेरा सुझाव यह है कि नेताओं को चुनाव में अपनी ऊर्जा लगाना चाहिए।’ – करण सिंह (कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे)

 

 

Article 370 SC Verdict LIVE Updates: पढ़िए फैसले की बड़ी बातें

 

    • जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग।
    • राजा हरि सिंह ने विलय के दस्तावेज पर साइन करते ही जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न बन गया था।
    • आर्टिकल 370 अस्थायी व्यवस्था थी। हटाने की प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
    • आर्टिकल 370 हटने से जम्मू-कश्मीर को फायदा हुआ।
    • जम्मू-कश्मीर में वही कानून लागू होगा, जो शेष भारत में लागू है।
    • जम्मू-कश्मीर का संविधान, भारत के संविधान से ऊपर नहीं।
    • राष्ट्रपति की शक्तियां असीमित हैं। उन पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

सीजेआई ने फैसला पढ़ते हुए कहा, अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को अधिकार है कि वो राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला ले सकते हैं। इसलिए फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती है। दरअसल, फैसले को चुनौती देने वालों ने कहा था कि विधानसभा भंग थी, ऐसे में केंद्र कैसे फैसला ले सकता है। जहां भी विधानसभा भंग होती है, वहां केंद्र सरकार फैसले ले सकती है।

कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन की स्थिति में केंद्र सरकार राज्य के फैसले ले सकती है।

 

जैसे ही महाराजा हरि सिंह ने विलय की बात कही थी, तभी यह साफ हो गया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसलिए यहां वही कानून लागू होंगे जो बाकी देश में लागू हैं। भारत का संविदान जम्मू-कश्मीर के संविधान से ऊंचा है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने 16 दिन चली सुनवाई के बाद 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीजेआई ने कहा है कि 3 जजमेंट आएंगे, लेकिन सभी जजों की राय एक रहेगी।

 

 

 

कुछ लड़ाई हारने के लिए लड़ी जाती हैं। – कपिल सिब्बल (आर्टिकल 370 के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील)

 

 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पीडीपी नेता मोहम्मद सैयद खान ने कहा, ‘हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।’

 

 

कश्मीर के नेता सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उमर अब्दुल्ला का कहना है कि हम चार साल से इन दिन का इंतजार कर रहे हैं।

 

पीडीपी ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उसकी नेता महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है। हालांकि एलजी मनोज सिन्हा ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के नेता भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

श्रीनगर पुलिस ने भी कहा कि किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।

Video: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पहले श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ाई गई

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वीडियो श्रीनगर में गुपकर रोड का

 

 

 

 

 

 

 

लोग सुप्रीम कोर्ट से बहुत उम्मीद कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान और लोगों की भावनाओं को सही ढंग से बनाए रखेगा। पिछले साढ़े पांच साल से चुनाव नहीं हुए हैं। लोग जल्द चुनाव कराने और राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। हम फैसला आने के बाद ही कोई टिप्पणी कर सकते हैं। – कांग्रेस नेता रविंदर शर्मा

 

 

 

 

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, सोमवार को सुबह 10.30 बजे पीठ अपना फैसला सुनाएगी। इस फैसले पर पूरे देश की नजर है।

 

याचिकाओं में आर्टिकल 370 और 35ए हटाने के मोदी सरकार के फैसले को चुनौती गई थी। ये याचिकाएं जम्मू-कश्मीर के विपक्ष नेताओं द्वारा दायर की गई थीं।

जम्मू और कश्मीर की स्वायत्तता छीनने वाले केंद्र सरकार के 5 अगस्त 2019 को संसद में पारित कराए इस फैसले की संवैधानिक वैधता क्या है, इसको स्पष्ट किया जाएगा।

 

फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद समेत महबूबा मुफ्ती का कहना है कि इस दिन का वे चार साल से इंतजार कर रहे थे। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।

370 हटाने का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं की दलील है कि 1957 के बाद बिना विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं जा सकता

Article 370: ये जज सुनाएंगे फैसला

    • प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़
    • जस्टिस संजय किशन कौल
    • जस्टिस संजीव खन्ना
    • जस्टिस बीआर गवई
    • जस्टिस सूर्यकांत

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button