Tiger in Madhya Pradesh:, मध्य प्रदेश के जंगलों में बाघों का कुनबा बढ़ने के साथ ही चुनौतियों में भी इजाफा
Bandhavgarh Tiger Reserve बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक महीने 10 दिन में चार बाघों की मौत के बाद उठने लगे सवाल।
HIGHLIGHTS
- गांवों के समीप पहुंचने वाले बाघों को हाथी की सहायता से हांका लगाकर जंगल के भीतर भेजा जाता है।
- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले एक महीने 10 दिन में चार बाघों की मौत हो चुकी है।
- सिर्फ मानपुर रेंज में तीन बाघों की मौत हुई है।बाघ-मानव द्वंद्व की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं।
Bandhavgarh Tiger Reserve जबलपुर। मध्य प्रदेश के जंगलों में बाघों का कुनबा बढ़ने के साथ ही चुनौतियां भी बढ़ने लगी हैं। एक तो क्षेत्र के लिए बाघों के बीच संघर्ष हो रहा है और उनकी जान जा रही है। दूसरे, भोजन की तलाश में वे रिहायशी क्षेत्र में आने लगे हैं और इस सिलसिले में भी उनकी जान पर बन रही है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के इलाकों में हांका लगाने का चलन शुरू किया गया है।
इसके तहत गांवों के समीप पहुंचने वाले बाघों को हाथी की सहायता से हांका लगाकर जंगल के भीतर भेजा जाता है। अक्सर बाघ दूसरे बाघों के क्षेत्र में पहुंच जाते हैं, इससे उनके बीच संघर्ष की स्थिति बनती है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले एक महीने 10 दिन में चार बाघों की मौत हो चुकी है। सिर्फ मानपुर रेंज में तीन बाघों की मौत हुई है।बाघ-मानव द्वंद्व की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं।
जनता का आक्रोश और राजनीतिक दबाव है वजह
अगस्त के पहले सप्ताह में मझखेता के एक युवक की बाघ के हमले में मौत के बाद ग्रामीणों के आक्रोश और राजनीतिक दबाव ने वन विभाग को बाघों के पीछे लगा दिया। 18 अगस्त की सुबह से यह अभियान छह हाथियों की मदद से बांधवगढ़ के मानपुर रेंज में चल रहा है। इसी दौरान यहीं एक बाघ की मौत आपसी संघर्ष में हो गई।
सात बाघों ने बदला क्षेत्र
मानपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मझखेता मढ़उ, देवरी, बड़खेरा, दमना के आसपास के करीब सात बाघ अपना क्षेत्र छोड़कर इधर-उधर भाग गए हैं। बाघ जब नए क्षेत्र में पहुंचते हैं तो उनका सामना दूसरे बाघ से होने की आशंका रहती है। जिन सात बाघों ने अपना क्षेत्र बदला, उनमें से एक की मौत हो चुकी है।
इनका कहना है
दो अलग-अलग क्षेत्र के बाघों का जब भी आमना-सामना होता है तो उनमें संघर्ष की स्थिति बनती है। बाघिन के साथ उसके शावक होने पर बाघ अक्सर हमला कर देता है। वर्चस्व स्थापित करने के लिए भी अक्सर बाघ एक दूसरे से लड़ जाते हैं।
वंदना द्विवेदी, मैनेजिंग ट्रस्टी, बांधवगढ़ फाउंडेशन।