Health Tips: लंग कैंसर का देरी से चलता है पता, समय पर उपचार शुरू हो जाए तो निदान संभव
HIGHLIGHTS
- जागरूकता की कमी से होने वाले स्वास्थ्य नुकसानों को देखते हुए हर वर्ष नवंबर में मनाया जाता है लंग कैंसर जागरूकता माह।
- लंग कैंसर के करीब 45 प्रतिशत मरीजों में इसका पता तब चलता है जब कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों तक पहुंच चुका होता है।
- सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने पाया है कि इस तरह के कैंसर का मुख्य कारण धूमपान है।
Health Tips: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। लंग कैंसर के लक्षण बेहद सामान्य होने की वजह से इसकी पहचान मुश्किल होती है। लंग कैंसर के करीब 45 प्रतिशत मरीजों में इसका पता तब चलता है जब कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों तक पहुंच चुका होता है। अगर लक्षणों को शुरुआती दौर में ही पहचान कर उपचार शुरू कर दिया जाए तो इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है।
कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. तनय जोशी के अनुसार, जागरूकता की कमी के कारण होने वाले स्वास्थ्य नुकसानों को देखते हुए हर वर्ष नवंबर के महीने को लंग कैंसर जागरूकता माह मनाया जाता है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार लंग कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस तरह के कैंसर का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो धूमपान करते हैं।
जो धूमपान नहीं करते वे भी इसकी चपेट में
सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने पाया है कि इस तरह के कैंसर का मुख्य कारण धूमपान है। पिछले कुछ समय से यह भी देखा जा रहा है कि जो धूमपान नहीं करते हैं वे भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। एस्बेस्टोस, आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, निकल, कुछ पेट्रोलियम उत्पाद, यूरेनियम जैसे हानिकारक पदार्थ लंग कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं।
ये हैं लंग कैंसर के लक्षण
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- सांस लेने पर सीने से सीटी जैसी आवाज सुनाई देना।
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- लंबी या गहरी सांस लेने में तकलीफ होना।
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- गले और चेहरे में सूजन।
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- पीठ, कंधों और सीने में दर्द।
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- कफ संबंधित परेशानी।
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- थूक में खून या कफ आना।
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- काफी समय से चल रही खांसी।
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- सांस फूलना, छाती में दर्द, गला बैठना।
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- अकारण वजन कम होना।
- हड्डियों में दर्द और सिरदर्द।