‘सलमान’ को नहीं मिली ऊंची कीमत, ‘कटरीना’ 41 हजार में बिकी, चित्रकूट में सजा औरंगजेब के समय से लग रहा गधा बाजार"/>

‘सलमान’ को नहीं मिली ऊंची कीमत, ‘कटरीना’ 41 हजार में बिकी, चित्रकूट में सजा औरंगजेब के समय से लग रहा गधा बाजार

दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को चित्रकूट में गधा मेला लगा। औरंगजेब के जमाने से लग रहे मेले में लाई गई कटरीना को जल्दी खरीदार मिल गए, लेकिन सलमान की ऊंची कीमत देने वाला कोई सामने नहीं आया।

सतना दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को चित्रकूट में गधा मेला लगा। औरंगजेब के जमाने से लग रहे मेले में लाई गई कटरीना को जल्दी खरीदार मिल गए, लेकिन सलमान की ऊंची कीमत देने वाला कोई सामने नहीं आया।

 

चित्रकूट नगर पंचायत क्षेत्र में लगने वाले ऐतिहासिक गधा मेले में उप्र, मप्र, छत्तीसगढ़ और बिहार से पशु मालिक अपने-अपने गधे-खच्चर लेकर पहुंचे। यहां आने वाले पशु मालिक उनका नाम फिल्मी सितारों के नाम पर रखते हैं। मेले में लाए गए गधों में सलमान की कीमत उसके मालिक ने डेढ़ लाख रुपये रखी थी। हालांकि सलमान की बोली 1.10 लाख तक पहुंच गई। कटरीना सिर्फ 41 हजार की कीमत पर बिक गई। उसे मेरठ के निशमुद्दीन ने खरीदा और अपने साथ माल वाहक से लेकर रवाना हो गए।

 

ठेकेदार रमेश पांडेय ने बताया कि यह मेला औरंगजेब के जमाने से लग रहा है। कोरोनाकाल में जरूर यह मेला नहीं लग पाया था। इस बार लगभग दो हजार गधे व खच्चर मेले में लाए गए हैं।

औरंगजेब के समय से लग रहा मेला

चित्रकूट नगर पंचायत सीएमओ विशाल सिंह ने बताया कि मेला स्थल पर व्यवस्था प्रशासन की तरफ से कराई गई है। इसी स्थान पर एक मंदिर भी बना हुआ है, जिसे औरंगजेब मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। कुछ स्थानों पर है उपयोगिता गधों व खच्चरों का कई स्थानों पर भवन निर्माण सामग्री के अलावा अन्य सामान की ढुलाई के लिए उपयोग किया जाता है। आधुनिक दौर में इनकी उपयोगिता में कमी आई है। पुरानी बसाहट वाले शहरों व कस्बों में ये अभी भी बेहद उपयोगी हैं। मेले में कद-काठी और नस्ल देख कर ग्राहक उनके दाम लगाते हैं।

 

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