Uttarkashi: 9 दिन से सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की पहली तस्वीर आई सामने, सब सुरक्षित, 6 इंच चौड़े पाइप से भेजी खिचड़ी"/>

Uttarkashi: 9 दिन से सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की पहली तस्वीर आई सामने, सब सुरक्षित, 6 इंच चौड़े पाइप से भेजी खिचड़ी

57 मीटर लंबी इस लाइफलाइन पाइप को सुरंग के जरिए ड्रिल किया गया है। डीआरडीओ ने सुरंग के अंदर 20 किलोग्राम और 50 किलोग्राम वजन वाले 2 रोबोट भी भेजे हैं।

HIGHLIGHTS

  1. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुआ था हादसा
  2. सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे हैं 41 मजदूर
  3. कई विदेशी एक्सपर्ट भी लगे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन में

एजेंसी, उत्तरकाशी। उत्तराखंड में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने की कवायद जारी है। ताजा खबर यह है कि इन मजदूरों की पहली तस्वीर भी सामने आ गई है। सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर यह जानकारी दी और तस्वीरें शेयर कीं।

 

इससे पहले मजदूरों तक एक पाइप पहुंचाने में सफलता मिली है। इस पाइप के जरिए खिचड़ी, दलिया और फल भेजे गए हैं। इस तरह नौ दिन बाद मजदूरों को खाना नसीब हुआ है। उम्मीद है कि जल्द इन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा।

 

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation LIVE Updates

कई दिनों की कोशिश के बाद 6 इंच चौड़ा वैकल्पिक पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में कामयाबी मिली है। 57 मीटर लंबी इस लाइफलाइन पाइप को सुरंग के जरिए ड्रिल किया गया है और इसका इस्तेमाल फंसे हुए श्रमिकों तक बड़ी मात्रा में ठोस भोजन और पानी भेजने के लिए किया जाएगा। डीआरडीओ ने सुरंग के अंदर 20 किलोग्राम और 50 किलोग्राम वजन वाले 2 रोबोट भी भेजे हैं।

 

फंसे हुए श्रमिकों के सामने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां हैं, जिन्हें देखते हुए अधिकारियों ने उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक डाइट प्लान तैयार करने के लिए डॉक्टरों से सम्पर्क साधा है।

इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट जानने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की।

 

सीएम धामी ने पीएम मोदी को बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि फंसे हुए सभी श्रमिक सुरक्षित हैं, उन्हें लगातार ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी की आपूर्ति की जा रही है।

फंसे हुए कुछ श्रमिकों में हल्की बीमारी की सूचना मिली है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए हैं और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता दी जा रही है।

 

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