Amit Shah In Gwalior: अंचल के नतीजों को बदलने अमित शाह ने कमान संभाली
Amit Shah In Gwalior: मध्य प्रदेश में पांचवीं बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सीधे विधानसभा चुनाव की कमान संभाली है। चुनाव में विपरीत हवा का रूख अपनी रणनीति से बदलने में शाह सिद्धहस्त माने जाते थे।
HIGHLIGHTS
- तीन माह में शाह का चौथा प्रवास
- कार्यकर्ताओं में जोश व उत्साह के साथ 34 विधानसभा सीटों को जीतने के लिए रणनीति भी बना रहे
Amit Shah in Gwalior: ग्वालियर मध्य प्रदेश में पांचवीं बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सीधे विधानसभा चुनाव की कमान संभाली है। चुनाव में विपरीत हवा का रूख अपनी रणनीति से बदलने में शाह सिद्धहस्त माने जाते थे। इस कौशल का प्रदर्शन लोकसभा से लेकर अन्य राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कर चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री का पूरा फोकस ग्वालियर-चंबल अंचल पर है। क्योंकि 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान होने के कारण ही कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुई थी। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की किसी रणनीतिक चुनाव का लाभ प्रतिद्वंदी दल को नहीं मिले, इसलिए चुनाव के हर गणित पर उनकी दृष्टि लगी हुई है। पिछले तीन माह में अमित शाह का अंचल में यह चौथा प्रवास पर है। वे ग्वालियर अंचल में चार चुनावी सभाएं और दो रोड शो करेंगे।
इंटक मैदान का पवैया सहित अन्य नेताओं ने निरीक्षण किया
इंटक मैदान में शनिवार शाम सात बजे अमित शाह चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। सभा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को महाराष्ट्र के सह प्रभारी व पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर शुक्रवार को पहुंचे। मंच से लेकर बैठक व्यवस्था और केंद्रीय मंत्री के काफिले के आने-जाने के मार्ग को देखा। स्थानीय नेताओं से सभा में श्रोताओं की संख्या को लेकर चर्चा की। गाय दौड़ रही थीं: इंटक मैदान में निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और भाजपा नेता के आगे पीछे गाय दौड़ती नजर आईं। आने-जाने के लिए संकरे मार्ग और काफिले के टर्न लेने के स्थान को भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सुरक्षा अधिकारियों ने भी देखा। निरीक्षण के दौरान विजय दुबे, अशोक शर्मा, ओमप्रकाश शेखावत, राकेश खुरासिया, कनवर मंगलानी, दीपक शर्मा सहित अनेक वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
कब- कब आए शाह
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- चुनाव से पहले प्रदेश कार्यसमिति की अंतिम बैठक का आयोजन ग्वालियर में किया गया था। इस बैठक में चुनाव का शंखनाद करने के साथ कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करते हुए चुनाव की शुरुआती तैयारियों को रोड मैप दिया था।
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- भाजपा की पांचवीं जन आशीर्वाद यात्रा श्योपुर से शुरू की गई थी। जन आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से पार्टी के देवतुल्य कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड पर लाने और उनका उत्साहवर्धन करने के लिए आए थे।
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- टिकट फाइनल होने के बाद अंचल की सीटों से विरोध के स्वर सुनाई देने और पार्टी के प्रमुख नेताओं से सामंजस्य बनाकर चुनाव लड़ने की समझाइश के साथ दोनों अंचलों को 350 अपेक्षित पदाधिकारियों को जीत का मंत्र देने के लिए आए थे। इन कार्यकर्ताओं का सीधा संवाद मतदाताओं से होता है।