Kartik Month 2023 Date: आज से शुरू हो रहे भगवान विष्णु के सबसे प्रिय कार्तिक महीने में जरूर करें ये काम, होगा कई गुना लाभ
Kartik Month 2023 Date: हिंदू संवत्सर के 12 महीनों में सर्वश्रेष्ठ कार्तिक महीना को अत्यंत पवित्र महीना कहा जाता है। पूरे माह श्रद्धालु ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके इष्टदेवों, भगवान विष्णु, लक्ष्मी की पूजा करेंगे।
Kartik Month 2023 Date: हिंदू संवत्सर के 12 महीनों में सर्वश्रेष्ठ कार्तिक महीना को अत्यंत पवित्र महीना कहा जाता है। पूरे माह श्रद्धालु ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके इष्टदेवों, भगवान विष्णु, लक्ष्मी की पूजा करेंगे। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा और दान, पुण्य करने से कई गुणा फल की प्राप्ति होती है।
पर्व-त्योहारों का कार्तिक महीना
कार्तिक महीना में अनेक मुख्य पर्व, त्योहारों से घर-घर में खुशी का माहौल छाएगा। इनमें सुहागिनों का पर्व करवा चौथ, संतानों की खुशहाली, रक्षा की कामना का पर्व अहोई अष्टमी, आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरि अवतरण दिवस, धनतेरस, रूप चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैय्या दूज, छठ पर्व, तुलसी पूजा, देवउठनी एकादशी और छोटी दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा जैसे पर्वों की धूम रहेगी।
शनिवार को शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया रहा। इस बार सूतक लगने से सादगी से शरद पूर्णिमा पर्व मनाया गया। अब, अगले दिन रविवार 29 अक्टूबर से कार्तिक मास प्रारंभ होगा। कार्तिक महीना का समापन 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा स्नान, दान-पुण्य के साथ छोटी दिवाली को होगा।
भगवान विष्णु को प्रिय है कार्तिक महीना
सुरेश्वर महादेव पीठ के संस्थापक स्वामी राजेश्वरानंद सरस्वती बताते हैं कि पुराणों के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने जाते हैं और समस्त सृष्टि का संचालन भोलेनाथ को सौंप देते हैं।
कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान के जागने की परंपरा निभाई जाती है। इसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस बार देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन से पुन: भगवान विष्णु सृष्टि का पालन-पोषण की जिम्मेदारी संभालेंगे।
भगवान विष्णु को कार्तिक महीना अत्यंत प्रिय है, इसीलिए श्रद्धालु कार्तिक महीना को पवित्र मानकर प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर दीपदान करते हैं। इसी महीने भगवान विष्णु स्वरूपा शालिग्राम और तुलसी पौधे का विवाह रचाया जाता है। प्रतिदिन तुलसी पौधे की पूजा की जाती है।