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Pitru Paksha Ekadashi 2023: बेहद महत्वपूर्ण होता है पितृ पक्ष की एकादशी का श्राद्ध, जानिए इससे जुड़ी खास बातें

जिन लोगों के पूर्वज अपने पिछले बुरे कर्मों के कारण मृत्यु के देवता यमराज द्वारा यमलोक में दंडित किए जा रहे हैं, उनके लिए भी इस एकादशी श्राद्ध को करने से पीड़ा से मुक्त हो जाते हैं।

HIGHLIGHTS

  1. एकादशी श्राद्ध का धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों तरह से बहुत महत्व है।
  2. साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है।
  3. इस दिन पितृ तर्पण और पिंड दान किया जाए, तो भगवान विष्णु आशीर्वाद देते हैं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Pitru Paksha Ekadashi 2023: इस वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 9 अक्टूबर 2023 को सोमवार को मनाई जाएगी। कहा जाता है कि इस दिन अपने पितरों का तर्पण किया जाए, तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। एकादशी श्राद्ध का महत्व तो सभी जानते हैं। इस दिन का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि जो लोग इस दिन पितृ दोष पूजा, पितृ तर्पण और पिंड दान आदि कार्य करते हैं, उनके पूर्वज जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाते हैं। साथ ही उन्हें भगवान विष्णु उन्हें अपने यहां स्थान देते हैं।

एकादशी श्राद्ध का महत्व

एकादशी श्राद्ध का धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों तरह से बहुत महत्व है। यह दिन पितरों को समर्पित माना जाता है। इन खास दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है। इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु से अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करने के साथ-साथ पितृ तर्पण और पिंड दान किया जाए, तो भगवान विष्णु उन्हें आशीर्वाद देते हैं।

 

भगवान विष्णु उन्हें अपने निवास ‘बैकुंठ धाम’ में स्थान भी देते हैं। जिन लोगों के पूर्वज अपने पिछले बुरे कर्मों के कारण मृत्यु के देवता यमराज द्वारा यमलोक में दंडित किए जा रहे हैं, उनके लिए भी इस एकादशी श्राद्ध को करने से पीड़ा से मुक्त हो जाते हैं।

एकादशी तिथि और समय

एकादशी तिथि शुरुआत – 9 अक्टूबर, 2023 – 12 बजकर 36 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त – 10 अक्टूबर 2023 – 03 बजकर 08 तक

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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