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सिद्धारमैया ने मंदिर का किस्सा सुनाकर खड़ा किया एक और विवाद, बेटे के बचाव में उतरे एमके स्टालिन

HIGHLIGHTS

  1. उदयनिधि ने कही थी सनातन को खत्म करने की बात
  2. देशभर में हो रहा विरोध
  3. विजयवाड़ा में लगे पोस्टर

चेन्नई। सनातन धर्म पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर बवाल जारी है। ताजा खबर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से है। यहां हिंदूवादी संगठन जन जागरण समिति ने उदयनिधि को थप्पड़ मारने वाले को 10 लाख रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है। शहर में कई स्थानों पर इसके पोस्टर लगाए गए हैं।

सिद्धारमैया ने एक और विवाद को दिया जन्म

ऐसे समय में जब I.N.D.I.A. गठबंधन को तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को मिटाओ’ वाली टिप्पणी पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केरल के मंदिर का एक घटनाक्रम सुनाकर एक और विवाद को जन्म दे दिया।

कांग्रेस नेता और समाज सुधारक नारायण गुरु की 169वीं जयंती के मौके पर बेंगलुरु में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा,

एक बार मैं केरल के एक मंदिर में गया। उन्होंने मुझे अपनी शर्ट उतारकर प्रवेश करने के लिए कहा। मैंने मंदिर में प्रवेश करने से इनकार कर दिया और उनसे कहा कि मैं बाहर से प्रार्थना करूंगा। वे कुछ लोगों को ऐसा करने के लिए कह रहे थे, सभी को नहीं। यह एक अमानवीय प्रथा है। भगवान के सामने हर कोई बराबर है।’

 

बेटे के बयान पर पहले बार बोले सीएम एमके स्टालिन

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाले बयान पर सीएम एमके स्टालिन ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा, ‘उदयनिधि का किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने सनातन के उन सिद्धांतों पर अपने विचार व्यक्त किए, जो अनुसूचित जाति, जनजातियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करते हैं।

भाजपा पर निशाना साधते हुए एमके स्टालिन ने कहा,

 

भाजपा समर्थक ताकतें दमनकारी सिद्धांतों के खिलाफ इस विचार को बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं। इसलिए उन्होंने एक झूठी कहानी फैलाई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उदयनिधि ने सनातन विचारों वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान कियाथा।

 

सनातन धर्म पर क्या कहा था उदयनिधि ने

2 सितंबर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में स्टालिन ने कहा था,

 

कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, इन्हें जड़ से मिटा देते हैं। ऐसे ही हमें सनातन को मिटाना है। सनातन का विरोध कर उसे ख़त्म करना चाहिए। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।

 

कौन हैं उदयनिधि स्टालिन

उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु में डीएमके पार्टी के नेता हैं। प्रदेश की डीएमके सरकार में इनके पिता एमके स्टालिन मुख्यमंत्री हैं। पिता ने बेटे को अपनी सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री बनाया है।

सनातन का विरोध बना चुनावी मुद्दा

पूरे मामले पर राजनीति जारी है। कांग्रेस के नेता जहां उदयनिधि स्टालिन के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं, वहीं भाजपा विरोध कर रही है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस का साथ हिंदू विरोधियों के साथ है।

कोर्ट तक पहुंचा मामला

उदयनिधि के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक में मंत्री प्रियांक खरगे के खिलाफ उत्तर प्रदेश के रामपुर में केस दर्ज किया गया है। प्रियंका ने भी उदयनिधि के बयान का समर्थन किया था। इस तरह यह लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंच चुकी है।

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