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Hair Care : यौवन, गर्भावस्था, माहवारी, प्रसव आदि ऐसे चरण हैं जब महिलाओं में बालों के झड़ने की ज्यादा आशंका होती है।

जबलपुर के त्वचा रोग एवं सौंदर्य विशेषज्ञ डा. राजीव सक्सेना बोले-मुख्य लक्षणों में बालों का सिर के मध्य में कम होना, पूरे सिर से बाल झड़ना, बालों का पतला होना, बाल्ड पैच, सिर के दोनों तरफ बालों का कम होना आदि शामिल हैं।

HIGHLIGHTS

  1. हार्मोन का असंतुलन भी बालों के झड़ने की वजह बनता है।
  2. तनाव भी अस्थायी रूप से बालों के झड़ने का कारण बनता है।
  3. विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही शैंपू व कंडीशनर का उपयोग करना चाहिए।

Hair Care : बालों का झड़ना एक आम समस्या है जिससे तमाम लोग जीवन में कभी न कभी जूझते हैं। किसी न किसी कारण हल्के व भारी बाल झड़ते हैं जो आगे चलकर गंभीर रूप ले लेते हैं। स्थायी व अस्थायी रूप से बालों का झड़ना कई कारणों से हो सकता है। मुख्य लक्षणों में बालों का सिर के मध्य में कम होना, पूरे सिर से बाल झड़ना, बालों का पतला होना, बाल्ड पैच, सिर के दोनों तरफ बालों का कम होना आदि शामिल हैं। बालों के झड़ने के पीछे कई कारण हैं। जैसे उम्र का बढ़ना। उम्र से संबंधित बालों का झड़ना सामान्य प्रक्रिया है।

उम्र बढ़ने से बालों का पतला होना, एंट्रोजेनिटिक एलोपेसिया जैसी स्थिति निर्मित होती है। हार्मोन का असंतुलन भी बालों के झड़ने की वजह बनता है। इस वजह से खासतौर पर महिलाएं बालों के झड़ने से परेशान होती हैं। यौवन, गर्भावस्था, माहवारी, प्रसव आदि ऐसे चरण हैं जब महिलाओं में बालों के झड़ने की ज्यादा आशंका होती है। तनाव भी अस्थायी रूप से बालों के झड़ने का कारण बनता है।

विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही शैंपू व कंडीशनर का उपयोग करें

स्कल्प संक्रमण, रसायन आधारित बाल उत्पादों का बेजा उपयोग, प्रदूषण और गर्मी, खराब व असंतुलित खानपान, अस्वास्थ्यकर आदतें व स्वास्थ्य स्थितियां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। प्रदूषण और गर्मी सिर की नमी और तेल काे सोख लेती है। जिससे बाल रूखे व बेजान होकर झड़ने लगते हैं। विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही शैंपू व कंडीशनर का उपयोग करना चाहिए।

बालों के लिए हीट व स्टायलिंग जेल का उपयोग न करें

सिर में खुजली, जलन या दर्द के साथ सूखापन और लालिमा आदि फंगल, बैक्टीरिया या पैरासाइट इंफेक्शन के कारण हो सकता है जिससे बालों को नुकसान पहुंचता है। कोई अन्य बीमारी जैसे लाइकेन, प्लेनस सोरियासिस, ल्यूपस हो तो उसका समय रहते उपचार करें। बालों के लिए हीट व स्टायलिंग जेल का उपयोग न करें। योगासान, प्राणायाम करें, तनावमुक्त रहें व खानपान पर ध्यान दें।

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