गांव के लोगों को लालच देकर खुलवाया बैंक में खाता, सट्टे की रकम का करने लगे लेनदेन"/>

गांव के लोगों को लालच देकर खुलवाया बैंक में खाता, सट्टे की रकम का करने लगे लेनदेन

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपित बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर गांव वालों के नाम पर बैंक खाता खोलते थे।

बिलासपुर सट्टे की रकम का लेनदेन करने के लिए सटोरियों ने ग्रामीणों को लालच देकर बैंक खाता खुलवा लिया। उनके बैंक खाते से ट्रेडिंग के बहाने सट्टे की रकम का लेनदेन करने लगे। इसकी भनक लगने पर किसान ने कोटा थाने में शिकायत कर दी। शिकायत के आधार पर कोटा पुलिस ने चार युवकों के कब्जे से 50 बैंक खाता, 40 एटीएम और 25 हजार रुपये जब्त किए हैं। वहीं, बैंक एकाउंट में दो करोड़ से अधिक की रकम सीज की गई है।

कोटा थाना प्रभारी टीएस नवरंग ने बताया कि ग्राम पीपरखुंटी में रहने वाले नरोत्तम विश्वकर्मा ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। पीड़ित ने बताया कि खैरझिटी में रहने वाला सुरेश नवरंग चार-पांच महीने पहले उनके गांव आया था। उसने एचडीएफसी बैंक में खाता खुलवाने पर 10 हजार रुपये मिलने की बात कही। उसकी बातों में आकर नरोत्तम ने अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड दे दिया। इससे सुरेश ने अपने दोस्त राहुल वाधवानी निवासी जरहाभाठा के साथ मिलकर बैंक में खाता खुलवा लिया। इस खाते से वे सट्टे की रकम का लेनदेन करने लगे।

ग्रामीण की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने सुरेश और राहुल वाधवानी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पहले तो दोनों ट्रेडिंग की बात कहते हुए पुलिस को गुमराह करते रहे। कड़ाई करने पर उन्होंने महादेव एप और अन्ना रेड्डी के माध्यम से आनलाइन सट्टे की बात स्वीकार कर ली। आरोपित के बयान के आधार पर पुलिस ने पारथ साहू(45) बरद्वार कोटा और वासुदेव खुसरो(30) निवासी पीपरखुंटी को गिरफ्तार किया। युवकों के कब्जे से पुलिस ने 50 बैंक पासबुक, 40 एटीएम, चार मोबाइल और 25 हजार रुपये जब्त किया है। बैंक एकाउंट में दो करोड़ रुपये सीज कराए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 

बैंक अधिकारियों की भी मिलीभगत आई सामने

 

ग्रामीणों को प्रलोभन देखकर आरोपित युवकों ने उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज ले लिए। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपित बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर गांव वालों के नाम पर बैंक एकाउंट खोलते थे। इसमें फर्जी तरीके से लिए गए मोबाइल सिम को लिंक कर यूपीआइ हासिल कर लेते थे। वहीं, बैंक के कर्मचारी खाता धारक के बजाए आरोपित युवकों को ही एटीएम और पासबुक दे देते थे। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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