ना विधायक और ना ही MLC फिर भी बने मंत्री, योगी कैबिनेट के वे नाम जिन्होंने सबको चौंकाया
यूपी सरकार के मुखिया के तौर पर शुक्रवार लगातार दूसरी बार योगी आदित्यनाथ ने शपथ ग्रहण किया. योगी आदित्यनाथ यूपी के 33वें मुख्यमंत्री बन गए हैं. योगी सरकार के नए मंत्रिमंडल में 52 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, जिसमें इसमें से 18 कैबिनेट, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्री शामिल हैं. योगी की टीम में कई ऐसे नाम शामिल हुए हैं, जो हर किसी को हैरान करने वाले हैं. इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. वहीं मंत्रिमंडल में कुछ नाम ऐसे है जो ना MLA हैं और ना ही MLC.
- जसवंत सैनी : उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं. 1989 में संघ कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया और फिर छात्र राजनीति में आए. 2009 में एकमात्र चुनाव लोकसभा का लड़ा, लेकिन नहीं जीत पाए.
- दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी यानी काशी के रहने वाले दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ को भी योगी कैबिनेट में शामिल किया गया है. 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें पूर्वांचल विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया था. इनका नाम भी लोगों को हैरान करने वाला रहा है.
- दानिश आजाद अंसारी: योगी आदित्यनाथ की सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री बनाए गए हैं. छह साल तक भाजपा से जुड़े छात्र संगठन यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से सदस्य रहे हैं. 2022 के चुनाव से ठीक पहले इन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया. दानिश आजाद ने तो भाजपा के कद्दावर मंत्री रहे मोहसिन रजा का पत्ता काट दिया. जिले के अपायल गांव के निवासी युवा नेता भाजपा 32 साल के दानिश आजाद समीउल्लाह अंसारी के इकलौते पुत्र हैं.
- जेपीएस राठौर: अब तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष थे. जेपीएस राठौर ने आईआईटी बीएचयू से बीटेक व एमटेक की पढ़ाई की है. वर्ष 1996 में वे बीएचयू के छात्र संघ अध्यक्ष बने. वे युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
- नरेंद्र कश्यप: पश्चिमी यूपी के बड़े नेता माने जाते हैं. गाजियाबाद के पूर्व राज्यसभा सांसद और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्षर नरेंद्र कश्यप को भी राज्यमंत्री बनाया गया है.