चेहरे पर दाने और सूजन के साथ लालिमा आ रही, तो समझ लें शरीर में बढ़ रहा पित्त, ऐसे करें कंट्रोल

आयुर्वेद में शरीर की तीन प्रकृति बताई गई है। वात, पित्त और कफ । हर किसी का शरीर इन तीन प्रकृति के आधार पर ही होता है। जिसके शरीर में जिस प्रकृति की प्रधानता होती है, उसके शरीर में उसकी अधिकता होती है और बीमारी का कारण भी यही प्रकृति होती है। इसलिए आयुर्वेद में शरीर के प्रकृति के अनुसार मनुष्य को उसकी दिनचर्या, सावधानी और बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां आज पित प्रकृति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी अधिकता से शरीर में कई परेशानियां होती हैं। चेहरे पर आने वाले दाने और दाग भी कई बार पित्त की वजह से होते हैं।तो चलिए जानें कि पित्त दोष बढ़ने से स्किन से जुड़ी कौन सी समस्याएं हो सकती है और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।
चेहरे पर पित्त बढ़ने के लक्षण
जब भी पित्त शरीर में अधिक होता है तो इसे लक्षण कई रूप में सामने आते हैं। गला जलना, सीने में जलन, पेट मे जलन और पित्त की उल्टी होना या माइग्रेन आदि। लेकिन जब इसका असर स्किन पर होता है तो समस्या अलग तरह की होती है। स्किन की दूसरी परत में अधिक संयोजी ऊतक, रक्त वाहिकाएं और प्लाज्मा होते हैं। यह अधिक नम और गर्म होता है। जब इस परत में पित्त का असर आता है तो स्किन में इरिटेशन, हीट और रेडनेस नजर आती है। गर्म खून वाले लोगों में पित्त दोष ज्यादा होता है। ये आमतौर पर खराब डाइट और जीवन शैली के कारण होता है। ऐसे में पाचन अग्नि असंतुलित होती है और कुछ भोजन विषाक्त पदार्थों में परिवर्तित हो जाते हैं। इसका असर त्वचा की ऊपरी परत पर ज्यादा नजर आते हैं। ऐसे लोगों में त्वचा से जुड़ी कुछ लक्षण ज्यादा नजर आते हैं। जैसे कि
1. ड्राई स्किन
पित्त दोष होने पर त्वचा ज्यादा ड्राई हो जाती है। इसके कारण त्वचा ड्राई हो जाती है। इसके कारण त्वचा पर जलन,स्केलिंग,सूजन और संक्रमण हो सकता है। ये त्वचा के पोर्स को ब्लॉक करती है और स्किन पर नमी की कमी का कारण बनती है। ऐसे में आहार और जीवन शैली इसे और प्रभावित करती है।
2. एक्जिमा
एक्जिमा पित्त दोष वाले लोगों को ज्यादा होता है। ये एक ऐसी स्थिति है जो आपकी त्वचा को लाल और खुजलीदार बनाती है। यह बच्चों में आम है लेकिन किसी भी उम्र में हो सकता है। एटोपिक जिल्द की सूजन लंबे समय तक चलने वाली होती है और समय-समय पर दोबारा आ जाती है। यह अस्थमा या हे फीवर के साथ हो सकता है। ऐसे में पित्त दोष को संतुलित करना बेहद जरूरी है।
3. रोसैया
रोसैया (Rosacea) एक सामान्य त्वचा की स्थिति है जो आपके चेहरे को पूरी तरह से प्रभावित करती है। ये ब्लड सर्कुलेशन की कमी से और बढ़ता है। ये चेहरे पर दाने का कारण बनते हैं जिसमें कि कई बार दानों मेंमवाद भी भर जाते हैं। ये संकेत कभी भी भड़क सकते हैं और फिर थोड़ी देर में चले भी जाते हैं। ये रह-रह कर आपको परेशान कर सकता है।
4. चेहरे में रेडनेस और सूजन
चेहरे में रेडनेस और सूजन का ज्यादा होना भी पित्त दोष बढ़ने का लक्षण है। इसमें चेहरा ज्यादा लाल हो जाता है। दरअसल, जिन लोगों के चेहरे पर रह-रह कर सूजन आ जाती है या फिर रेडनेस आ जाती है, उनमें ये पित्त बढ़ने के कारण हो सकती है।
5. रह-रह कर पित्त एलर्जी होना
रह-रह कर एलर्जी होना भी पित्त दोष बढ़ने का लक्षण है। पित्त एलर्जी अक्सर तब होती है जब एक एलर्जेन के गर्म, तेज गुण त्वचा के संपर्क में आते हैं और इसके परिणामस्वरूप रक्त प्रवाह में प्रवेश करते हैं। ये स्किन पर कई प्रतिक्रियाओं के रूप में नजर आते हैं जैसे पित्ती, चकत्ते, खुजली, एलर्जी, सूजन आदि।
ऐसे करें स्किन की केयर
पित्त त्वचा के प्रकार को संतुलित रहने के लिए धूप से सुरक्षा की आवश्यकता होती है। ऐसे में एलोवेरा, गुलाब और चमेली जैसी ठंडी और हीलिंग जड़ी-बूटिया त्वचा को शांत और पोषित करने में मदद करते हैं। ऐसे में आप घर पर उबटन बना कर भी चेहरे पर लगा सकते हैं। इसके लिए आधा चम्मच उबटन लें और उसमें गुलाब जल मिलाएं। मिश्रण को सोखने के लिए एक मिनट के लिए छोड़ दें। अब पानी से अपना चेहरा धोएं और मॉइस्चराइज लगा लें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button