महाकाल मंदिर के पास मांस की दुकानें बंद कराने गए अधिकारी का दुकानदारों से विवाद

उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महाकाल मंदिर के समीप स्थित तोपखाना में संचालित मांस की दुकानें बंद कराने शनिवार दोपहर पहुंचे नगर निगम के अधिकारी का दुकानदारों से विवाद हो गया। रिमूव्हल गैंग प्रभारी गोपाल बोयत और उनकी टीम ने जैसे ही गोल्डन नामक दुकान से उसका होर्डिंग उतारना शुरू किया सारे दुकानदार एकत्र होकर विरोध करने लगे। उनका कहना था कि आपकी सारी शर्तें मंजूर हैं, तुड़ाई रोको। श्रद्धालुओं की भावना का पूरा ख्याल रखेंगे।

विवाद की सूचना पाते ही स्थिति संभालने तत्काल उपायुक्त संजेश गुप्ता पहुंचे। उन्होंने दुकानदारों से कहा कि दुकान के बाहर एक इंच अतिक्रमण मत करना। खाद्य सामग्री ढककर व्यापार करना, चाहो तो पर्दा लगा लो। आपस में सहमती बनी। शाम तक कई दुकानदारों ने आपत्तिजनक होर्डिंग हटाए और दुकानों के आगे हर पर्दा डाल अपनी दुकान संचालित कीं। जहां तक सवाल अतिक्रमण का रहा तो वो नहीं हटा। दुकानदारों ने नाली के आगे सड़क पर टेबले लगाकर दुकानें संचालित कीं।

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कार्रवाई रोकने पार्षद भी पहुंचे

 

अवैध मांस की दुकानें बंद कराने की कार्रवाई रोकने कुछ पार्षद और उनके प्रतिनिधि भी पहुंचे। उन्होंने निगम अधिकारियों से कहा कि वे सबको समझा-बुझा कर अपनी दुकान ढंककर व्यापार करने को मना लें, आप चले जाएं। इस पर अफसर ने कहा कि ये तो आपको पहले ही कर लेना था। अगर ऐसा करते तो ये नौबत ही नहीं आती। लंबी बहस, बातचीत के बाद कुछ वरिष्ठजनों के हस्तक्षेप से विवाद शांत हुआ। विवाद शांत होने के बाद निगम की रिमूव्हल गैंग ने महाकाल सवारी मार्ग से अस्थायी अतिक्रमण हटाए।

पार्षद ने की थी प्रतिबंध लगाने की मांग

मालूम हो कि इसी वर्ष महाशिवरात्रि 18 फरवरी से पहले नगर निगम परिषद सम्मेलन में पार्षद गब्बर भाटी ने एक बेनर लहराते हुए महाकाल मंदिर पहुंच मार्ग सहित संपूर्ण शहर के मुख्य मार्गों पर खुले रूप से मांस, मदिरा बेचने पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध महापौर, निगम आयुक्त और अध्यक्ष से किया था। उनके द्वारा इस संबंध में दिए प्रस्ताव को निगम परिषद ने स्वीकृति प्रदान की थी।

निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने इस सिलसिले में निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह से कहा कि वे नियमों का पालन करते हुए संपूर्ण शहर के मुख्य मार्गों पर खुले रूप से मांस- मदिरा बिकना बंद कराए। सवाल धार्मिक भावना का है। ऐसा कोई काम न हो, जिससे लोगों की भावना आहत हो। इसके पालन में आदेश जारी हुआ और आदेश का पालन कराने को बेगमबाग और उसके आसपास के क्षेत्र में कार्रवाई भी की।

बाद में ये कार्रवाई अतिक्रमण हटाने के रूप में परिवर्तित हुई और देवासगेट बस स्टैंड परिसर, आगर रोड फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया। वक्त के साथ कार्रवाई ठंडी पड़ी तो सप्ताहभर पहले महापौर परिषद के मनोनीत सदस्यों ने महाकाल सवारी और श्रावण मास के मद्देनजर महाकाल क्षेत्र के आसपास की अवैध मांस की दुकानें सख्ती से हटवाने का निर्णय लिया। महापौर मुकेश टटवाल ने कार्रवाई कराने की जिम्मेदारी एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी, रजत मेहता, सत्यनारायण चौहान को सौंप दी। कार्रवाई देवास रोड स्थित नागझिरी क्षेत्र, आगर रोड पर मकोड़ियाआम क्षेत्र से शुरू होकर तोपखाने तक पहुंचीं।

 

 

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