सचिन पायलट राजस्थान की तुलना कर्नाटक से कर बोले, “भ्रष्टाचार पर वादा पूरा करे सरकार”
जयपुर: कांग्रेस (Congress) के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने सोमवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत का हवाला देते हुए राजस्थान (Rajasthan) में पिछले भाजपा (BJP) शासन के दौरान कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) नीत सरकार से कार्रवाई करने को कहा. राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पायलट (45) ने मुख्यमंत्री गहलोत और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिये पांच दिवसीय यात्रा निकाली. अजमेर से शुरू हुई पांच दिवसीय यात्रा का सोमवार को जयपुर में एक बड़ी रैली के साथ समापन हुआ.
गहलोत को घेरने के लिये पायलट 2018 में राजस्थान चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. जयपुर में पांच दिवसीय यात्रा के समापन पर आयोजित रैली से पहले पायलट ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कर्नाटक की वर्तमान स्थिति की तुलना राजस्थान से की, जहां कांग्रेस ने 2018 में विधानसभा चुनाव जीते थे.उन्होंने कहा, “हमने कर्नाटक में भाजपा नीत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. कांग्रेस को वहां जनादेश मिला है और अगर (भाजपा की) बोम्मई सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो क्या लोग पांच साल बाद हमारी बात सुनेंगे?’ उन्होंने कहा “यहां राजस्थान में यही स्थिति है. इसलिए मैं इस पर कार्रवाई चाहता हूं.”
पायलट का तर्क है कि कांग्रेस ने 2018 के चुनावों से पहले वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, और लोगों को उम्मीद थी कि सत्ता में आने के बाद वह इस मुद्दे पर कार्रवाई करेगी. उन्होंने सवाल किया कि राज्य में पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के बारे में बात करना गलत कैसे हो सकता है. पायलट ने कहा कि वह भविष्य में भी इस मुद्दे को उठाते रहेंगे. बाद में, रैली में पायलट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि माह के अंत तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे. शक्ति प्रदर्शन में कांग्रेस के करीब 15 विधायक और कई अन्य नेताओं ने पायलट के साथ मंच साझा किया. वर्ष 2018 में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को राजस्थान में जिस तरह की दुविधा का सामना करना पड़ा, उसी तरह की स्थिति कर्नाटक में बन गई है जहां उसके सामने मुख्यमंत्री पद के दो प्रमुख दावेदार- डी के शिवकुमार और सिद्धरमैया हैं. पायलट ने दावा किया था कि उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी को जीत मिली.